कुरुक्षेत्र। प्रदेश में पिछले 4 दिनों से चल रही रोडवेज कर्मियों की हड़ताल देर शाम समाप्त हो गई। सरकार ने मांगें मान ली, निलंबित कर्मचारियों को बहाल कर दिया। कर्मचारियों ने मांगे मानने पर लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। गुरुवार को कर्मचारी नेताओं द्वारा मांगे माने जाने पर हड़ताल खत्म करने का एलान किया। इसके बाद करीब सात बजे वर्कशाॅप से बसें निकली और रूटों की ओर रवाना हुई।
महासंघ के महासचिव सुरेंद्र सिंह बारवा ने बताया कि सरकार ने वार्ता के दौरान निलंबित कर्मचारियों को कार्य पर वापस लेने एवं नई परिवहन नीति को रद्द करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के संघर्ष की जीत है।
कर्मचारियों ने एकजुट होकर सरकार की नई परिवहन नीति का विरोध किया। सरकार ने कर्मचारियों को निलंबित कर कर्मचारियों को डराने का काम भी किया, लेकिन कर्मचारियों ने सरकार की धमकी को दरकिनार करते हुए संघर्ष जारी रखा।
आल हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के महासचिव मायाराम उनियाल ने कहा प्रदेश सरकार ने नई परिवहन नीति के तहत प्राइवेट बसों को परमिट देने की योजना बनाई थी। कर्मचारियों ने सरकार की नीति का विरोध करते हुए चार दिन हड़ताल रखी। सभी यूनियनों ने एकजुटता का परिचय देते हुए सरकार की नीति का विरोध जताया। कर्मचारियों की जीत हुई।
पिछले चार दिनों में हड़ताल के कारण रोडवेज को 70 लाख का नुकसान
हुआ है। जिले में करीब 180 बसों में 15 हजार से 17 हजार यात्री सफर करते
हैं। हर रोज रोडवेज खजाने में 15 से 18 लाख रुपये की राशि जमा होती है।
दूसरी ओर हड़ताल के कारण आम जन परेशान रहा। लोगों को प्राइवेट बसों से सफर
करना पड़ा।
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