चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृषि
और सम्बद्ध क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकीयों और प्रयोगों की महत्ता पर बल
देते हुए कहा कि राज्य सरकार इजरायल की सूक्ष्म, सिंचाई तकनीक सहित श्रेष्ठ
कृषि प्रौद्योगिकीयों को भूमि, कम पानी और कम लागत की श्रेष्ठ पद्धतियों
का एक अच्छा संयोजन अपना रही है ताकि कृषि को लाभप्रद बनाया जा सके। कम
त्पादकता बढ़ा सकता है और खेती को लाभप्रद बना सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज कुरूक्षेत्र जिले के रामनगर में लगभग 10.50 करोड़ रुपए
की अनुमानित लागत से 25 एकड़ क्षेत्र में इंडो-इजरायल परियोजना मिशन के
बागवानी समेकित विकास के तहत स्थापित एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र का
उदघाटन करने उपरांत उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने
कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के संकल्प को हरियाणा राज्य देश के अन्य राज्यों की तुलना
में इसे सबसे पहले पूरा करेगा। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
श्री ओ.पी. धनखड़ हरियाणा के किसानों के लिए हर समय नई योजनाएं लागू करने
की पहल कर रहे हैं और दुनिया भर के अनुकरणीय कार्यक्रमों को हरियाणा में
लागू किया जा रहा हैं। इंडो-इजरायल के परस्पर सहयोग से हरियाणा में गेंहू व
धान की परम्परागत फसलों का विविधिकरण कर अन्य नगदी फसलों को अपनाकर सब्जी,
फल, फुल, डेयरी व शहद के स्थापित पांच उत्कृष्टता केन्द्र प्रधानमंत्री के
इस विजन को साकार करेंगे।
समारोह में भारत में इजरायल
के राजदूत डेनियल कामरॉन, भारत में इजरायल दूतावास में मशाव के कांउसलर डन
आलूफ का इजरायल भाषा मेें स्वागत अर्थात स्लोम कहकर मुख्यमंत्री ने उनका
स्वागत किया। इंडो-इजरायल आपसी सहयोग के सम्बन्धों को लम्बे समय तक सुदृढ़
बनाए जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में इजरायल व जापान 2
ऐसे देश है जो देशभक्ति के अपने संकल्प के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने
कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा से कर्म के सिद्धांत का भगवान श्रीकृष्ण
द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का संदेश भी विश्व विख्यात हैं। उन्होंने
कहा कि देश की आजादी के 70 वर्षों बाद भी हमारी शिक्षा को संस्कारवान नहीं
बनाया गया। भारत लगभग एक हजार वर्षों तक गुलाम रहा तो इजरायल 2 हजार वर्षों
तक अरबों का गुलाम रहा, परंतु विश्व के कोने-कोने में बिखरे इजरायल के हर
यहूदी द्वारा अगले वर्ष येरुशल्म में मिलने के संकल्प ने एकत्रित किया और
आज पूरा विश्व उनके संकल्प को मानता हैं। उन्हें खुशी है कि इजरायल ने
कुरुक्षेत्र की इस धरा पर अपनी परियोजनाओं के तहत यह देश का पहला एकीकृत
मधुमक्खी विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने कहा कि इस समय
इस केन्द्र में 13 बी-ब्रीडर्स हैं, जिन्हें अगले साल बढ़ाकर 32 किया
जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार मधुमक्खी पालन के लिए प्रति
बी-ब्रीडर 4 लाख रुपए की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि इजरायल का भौगोलिक स्वरूप व वर्षा की स्थिति राजस्थान के समान
होते हुए भी सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से खेती को बढ़ावा देकर इजरायल ने
पूरे देश में पहचान बनाई हैं। कम जमीन व कम पानी के उपयोग से खेती करना
इजरायल के लोगों ने विश्व को सिखाया हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी
पानी की स्थिति अच्छी नहीं हैं, 60 ब्लाक का भूजल स्तर काफी नीचे है और
डार्क जोन में आ गया हैं। उन्होंने कहा कि किसान हरियाणा की रीढ़ है और
इनके हितों को सदैव प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 3
वर्षों के दौरान वर्तमान सरकार ने किसानों को 2450 करोड़ से अधिक का मुआवजा
उनकी फसलों के नुक्सान की भरपाई के लिए दिया हैं, जबकि 48 सालों में
हरियाणा में जितनी भी सरकारे रही, उन्होंने मात्र 1300 करोड़ रुपए का
मुआवजा किसानों को दिया। उन्होंने कहा कि किसान के नुक्सान की भरपाई करना
हमारा फर्ज व दायित्व हैं, कोई एहसान नहीं।
उन्होंने
कहा कि आज कृषि जोत छोटी होती जा रही हैं। आने वाले समय में हमें वर्टीकल
उत्पादन की ओर बढऩा होगा। उन्होंंने श्री गोबिंद सिंह ट्रिनटी
विश्वविद्यालय गुरुग्राम के वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों द्वारा हाल ही में
लगाई गई एक प्रदर्शनी का उदाहरण दिया, जिसमें सिंगापुर का मॉडल अपनाकर तीन
मंजिला खेती प्रदर्शित की गई थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अभी ऐसी
स्थिति नहीं आई हैं, परंतु जिस प्रकार आवश्यकता को आविष्कार की जननी कहा
गया है, उसी प्रकार विज्ञान भी इस प्रदर्शनी में आविष्कार की जननी हैं।
हमें जैवकि खेती को अपनाना होगा क्योंकि रसायनिक खादों के अंधाधुंध
प्रयोगों से उत्पादित खाद्यनों से पंजाब व हरियाणा में केंसर जैसी जानलेवा
बिमारियां पनप रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य के प्रति अधिक
जागरुक होना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डेनियल कामरॉन को
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का निमंत्रण भी दिया, जिसे कामरॉन ने सर्हष
स्वीकार कर लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 28 मधुमक्खी पालकों
को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
भारत
में इजरायल के राजदूत डेनियल कामरॉन ने सलाम हरियाणा, नमस्ते हरियाणा के
साथ अपना सम्बोधन शुरु किया और कहा कि पूरे भारत में इंडो-इजरायल सहयोग से
14 उत्कृष्ठता केन्द्र तथा 18 इंडो-इजरायल की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं,
जिसमें से हरियाणा में आज समेकित मधुमक्खी विकास केन्द्र के साथ 5
परियोजनाएं हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पहली तरह का एकीकृत
मधुमक्खी विकास केन्द्र कुरुक्षेत्र, रामनगर में खोलने का उद्देश्य भी
इंडो-इजरायल सम्बन्धों को शहद की तरह मधुर बनाना हैं। उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने
इजरायल का दौरा किया हैं और इंडो-इजरायल सम्बन्धों को चिरकाल तक सुदृढ़
बनाने की घोषणा की हैं।
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