करनाल। शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। ज्ञान किसी भी उम्र में लिया जा सकता है। इस कहावत को साबित कर दिखाया है सिरसा के लाल सिंह गोदारा ने। पोते-पोतियों ने अनपढ़ होने का ताना दिया तो लाल सिंह ने पढ़ाई करने की ठानी। उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली। अब आगे पोस्ट ग्रेजुएशन यानि एमए करने की चाहत है।
इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल का 36वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी डा. धर्म पाल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 18 से 81 साल तक के विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की। मुक्त विश्वविद्यालय के रूप में पहचान बनाने वाला इग्नू देश भर के लाखों लोगों में शिक्षा की अलख जगा रहा है। समारोह में चंडीगढ़ और करनाल रीजन के 200 से अधिक विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इस अवसर पर नई दिल्ली से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिरकत की। वहीं करनाल में हुए दीक्षांत समारोह में हरियाणा शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ राजेश गोयल ने बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की।
इस अवसर पर डा. राजेश गोयल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश में शिक्षा का इनरोलमेंट 50% पहुंचना चाहि। अभी यह 27% के आसपास है। इस कार्य में इग्नू का अहम योगदान है। हरियाणा सरकार ने उन्हें 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य दिया है। इसके लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी तैयारियां की जा रही हैं। इसमें मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट, क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश, अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से समझौता, कौशल विकास और विश्वविद्यालयों का विभिन्न औद्योगिक इकाइयों से समझोता जैसे मुद्दों पर हम काम कर रहे हैं। बहुत जल्दी आगे बढ़ रहे हैं।
इग्नू करनाल के क्षेत्रीय प्रभारी निदेशक डॉक्टर धर्मपाल ने बताया कि इग्नू का दीक्षांत समारोह देश के 36 केंद्रों पर किया जा रहा है। इसमें 2 लाख 79 हजार छात्रों को डिग्रियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि करनाल क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत 16000 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी जा रही हैं। क्षेत्रीय केंद्र करनाल का नामांकन और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
क्षेत्रीय केंद्र चंडीगढ़ के निदेशक भानुप्रताप सिंह ने बताया कि इग्नू में शिक्षा प्राप्त करने वाले हर उम्र के लोग हैं। इसमें शिक्षा की पूरी आजादी है। कोई भी व्यक्ति किसी उम्र में शिक्षा प्राप्त कर सकता है। इग्नू में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों में महिलाओं का प्रतिशत भी 50 से 60 के बीच में है जो महिला सशक्तिकरण का एक उत्तम उदाहरण है।
दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने आए 81 साल के लालसिंह गोदारा ने बताया कि वह शुरुआत में आर्मी में नौकरी करते थे। लेकिन कम शिक्षा के कारण उन्हें कई बार लोगों के ताने सुनने पड़ते थे। यही नहीं उनके पोते-पोतियां भी उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहते थे। इसलिए उन्होंने इग्नू से 10वीं 12वीं और अब बीए की डिग्री हासिल की है। उनका सपना है कि वह एमए की डिग्री भी हासिल करें। वे 3 युद्धों में भाग ले चुके हैं। आज भी उनके अंदर शिक्षा प्राप्त करने का जज्बा बरकरार है। उनके जज्बे को देखकर दीक्षांत समारोह में आए सभी लोगों ने उनकी जमकर तारीफ भी की।
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