करनाल। एक ओर जहां डेंगू समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा, वहीँ जागरूक रक्तवीर अपने रक्त से लोगों का जीवन बचाने को तत्पर हैं। इसी कड़ी में मधुबन की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में सेवारत और रक्त सेवा में पिछले 27 वर्षों से सेवा कर रहे डायमंड रक्तदाता डॉ. अशोक कुमार वर्मा को सूचना मिली कि A पॉजिटिव के एफरेसिस की कुरुक्षेत्र में आवश्यकता है तो वे सन्देश मिलते ही सीधे सेक्टर 17 के ब्लड बैंक में पहुंचे और एफरेसिस दान कर दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डॉ. वर्मा ने बताया कि उनके पास रक्त या अफरेसिस की आपूर्ति बारे कोई सन्देश आता है तो वे ज्यादा पूछताछ नहीं करते कि ये किसको चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छी बात है कि काफी लोग व्हाट्सअप के माध्यम से यह रक्तदान की सेवा कर रहे हैं। इससे पीड़ित के घरवालों को भटकना नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को प्रत्येक तीन माह के अंतराल में स्वैच्छिक रक्तदान करना चाहिए और केवल एफरेसिस की मांग बारे ही सन्देश व्हाट्सअप समूह में डाले जाने चाहिए। यदि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति नियमित रक्तदान करेगा तो ब्लड बैंक के अंदर पर्याप्त मात्रा में रक्त होगा और अनावश्यक व्हाट्सअप संदेशों से भी छुटकारा मिलेगा।
यह बात सबको ज्ञात होनी चाहिए कि ब्लड बैंक के अतिरिक्त किसी भी चिकित्सक को रक्त लेने की अनुमति नहीं है. ऐसे में कुछ लोग अज्ञानतावश ऐसे सन्देश डाल देते है कि पीड़ित व्यक्ति अस्पताल में दाखिल हैं और वहां पर आकर रक्तदान करें। उन्होंने अपना सुझाव दिया कि कुछ परिस्थितियों को छोड़कर केवल अफरेसिस की मांग बारे ही व्हाट्सअप पर सन्देश किये जाएँ और बढ़ रहे डेंगू की रोकथाम के लिए सभी को मिकार प्रयास करने चाहिए। ज्ञात है कि वर्मा ने आज 111वीं बार रक्तदान किया है जिसमें वे 49 बार अफरेसिस दान कर चुके हैं।
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