कैथल। जिला की महिलाएं किसानों को जहर मुक्त खेती करने तथा लोगों के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए प्राथमिकता देते हुए खेती में कीट नाशक दवाओं की बजाए खुद जैविक उत्पाद तैयार करके किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इससे जिला में फसलों में अंधाधुंध कीट नाशकों के छिडक़ाव की बजाए किसानों ने जैविक उत्पाद का छिडक़ाव व फसलों में उपयोग करने की आदतों को बढ़ावा दिया है। इससे जैविक खेती की तरफ किसानों का रूझान बढ़ा है तथा महिलाओं की लग्र और मेहनत के दम पर अब लोग कीट नाशकों का फसलों में उपयोग से तौबा करने लगे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सीवन खंड के 28 गांवों में महिलाओं ने इस कार्य के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन करके महिला किसान सशक्तिरण परियोजना के तहत ग्रामीण परिवेश में छोटे किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित करने का एक अभियान चलाया है, ताकि मध्यम किसान जैविक खेती की तरफ अग्रसर हों और खेती पर होने वाली लागत में भी कमी आने के साथ-साथ पैदावार में बढ़ोत्तरी हो। इस कार्य के लिए सामुदायिक सेवाकर्मी विशेष रूप से जिला व खंड स्तर पर प्रशिक्षण देने से पहले राजस्थान के टांक से विशेष रूप से प्रशिक्षण दिलवाया गया है। इस क्षेत्र की प्रशिक्षित महिलाएं अब गांव-गांव जाकर समुदाय प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा जैविक खेती के प्रति जागृत कर रही हैं ताकि जमीन शुद्ध रहने के साथ-साथ वातावरण और लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहे।
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