नवीन मल्होत्रा कैथल। मेहनत
और हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसा ही कैथल जिला के
पुण्डरी इलाके के गांव सिकन्दरखेड़ी के जैविक खेती करने वाले छोटे से
किसान राजेश ने एक उदहारण पेश किया है। देश के प्रधानमंत्री से बेहद प्रभावित जैविक खेती करने वाले किसान राजेश ने कड़ी मेहनत करके जहर
मुक्त खेती लगभग दस साल पहले करनी शुरू की थी। मात्र तीन एकड़ भूमि के
मालिक इस छोटे से किसान को जैविक खेती करने का जुनून हो गया और वह अपने
तीन एकड़ के खेत में जैविक सब्जियां उगाने लगा और इस सब्जियों को
पुण्डरी और आसपास के गावों में रेहड़ी पर फेरी लगा कर बेचने लगा।
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जैविक
किसान राजेश को यह जुनून उस समय पैदा हुआ जब उसकी माँ कैंसर की बीमारी से
पीड़ित हो गई और चंडीगढ़ में बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा कि ये
बीमारी सब्जियों,फसलों में ज्यादा जहर युक्त दवाईयां और खाद डालने से
हो जाती है , किसान राजेश ने कहा कि यब उसने प्रण लिया कि वह आज
के बाद जहर वाली दवाईयां और खाद से खेती नहीं करेगा।
राजेश ने कहा कि
उसने तीन एकड़ भूमि में जैविक सब्जियां लगनी शुरू कर दी और जो सब्जियां
पैदा होती उसे सब्जी मंडी के बाहर फड़ी लगाकर और फिर रेहड़ी से घूम घूम कर
बेचने लगा। उसने बताया कि उसके इस काम को देखकर लोग उसे पागल कहने
लगे लेकिन वह अपने प्रण पर कायम रहा। राजेश ने बताया कि धीरे धीरे उसकी
सब्जियों की मांग बढ़ने लगी और उसे सब्जियों के दाम भी ज्यादा मिलने लगे। फिर उसने धीरे धीरे आसपास के किसानों को भी जैविक खेती करने के लिए
प्रोत्साहित किया और कुछ समय बाद उसने किसानों का एक समूह बना लिया। इस
अमृत जैविक नामक किसानों के समूह ने जैविक खेती करनी जोरों से शुरू कर
दी और उनके खेतों में पैदा होने वाली जैविक सब्जियों की मांग बड़े बड़े
शहरों में होने लगी।
यहाँ तक कि दिल्ली और आसपास के बड़े माल में इनकी
सब्जियों की मांग बढ़ने लगी। जैविक किसान राजेश ने बताया कि उनकी
मेहनत ने उस समय रंग लाया जब कैथल जिला प्रशासन द्वारा उन्हें जिला
स्तरीय स्वंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया।
राजेश ने
बताया कि उसके बाद उसका नाम प्रदेश और देश में चमकने लगा और भारत सरकार
द्वारा उसे देश के पहले हलधर ऑर्गनिक फार्मर राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा
और फिर हरियाणा सरकार ने भी उसे जैविक कृषि रत्त्न पुरस्कार से सम्मानित
किया। राजेश ने कहा कि वास्तव में देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के
मन में किसानों को ऊँचा उठाने का एक जज्बा है जिस कारण प्रधानमंत्री
मोदी किसानों के लिए नई नई लाभकारी योजनाएं देश और प्रदेश चलाई जा रही है।
राजेश ने बताया कि कई किसान ज्यादा फसल लेने के लिए अपने खेतो में जहरीली
खाद और फसली दवाईयों का अंधाधुंध इस्तेमाल करते है जो कि अनाज और सब्जियां
खाने वाले इंसानों के लिए बेहद हानिकारक है और आज इस कारण अनेकों गंभीर
बीमारियां बढ़ती जा रही है। राजेश ने कहा कि वह देश और प्रदेश के किसानों
का आह्वान करते है कि वे जैविक खेती से जुड़ कर पूरे समाज को बीमारियों
से बचाये। राजेश ने कहा कि जब एक छोटा से तीन एकड़ का किसान कड़ी मेहनत
से जैविक खेती करके साधन संपन्न हो सकता है तो बड़े बड़े किसान क्यों
नहीं अपने खेतो में जैविक को करना शुरू करते। जैविक
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