कैथल। कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 500 किसानों ने हिस्सा लिया। मेले में गन्ना अनुसंधान केंद्र उचानी करनाल के क्षेत्रीय निदेशक डा. समर सिंह, डा. धर्मवीर यादव, डा. जेएन भाटिया व कौल स्थित कृषि विश्वविद्यालय के प्रधानाचार्य डा. रमेश वर्मा के अतिरिक्त कृषि, बागवानी, पशुपालन व मच्छली पालन विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्र के संयोजक डा. देवेंद्र चहल ने मेले के आयोजन के विषय में जानकारी दी। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वह भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। डा. समर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि किसान फसल अवशेषों को भूमि में मिलाकर निपटान करें, ताकि पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके। डा. धर्मवीर यादव ने किसानों को रबी की फसलों में खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दी तथा इनका आह्वान किया कि वे वैज्ञानिकों की सिफारिश अनुसार ही खरपतवार नाशकों का प्रयोग करें।
डा. रमेश वर्मा ने कहा कि किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए खेती-बाड़ी के साथ-साथ वानिकी भी अपनाएं। इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद मिलेगी। डा. जसबीर सिंह ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के तहत हजवाना व रसीना को गोद लिया हुआ हैं, जहां पर प्रशिक्षण के दौरान किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में निबंध प्रतियोगिता व रैली आयोजित करके जागरूक किया गया। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान कुशप पाल सिंह, महेंद्र सिंह, राजेश, अंगे्रज सिंह, लक्ष्मीदत्त, गुरदयाल सिंह, ईश्वर सिंह कुंडु, देवीगढ़ के भूतपूर्व सरपंच बसाऊ राम व वर्तमान सरपंच गुलाब सिंह उपस्थित रहे।
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