कैथल।
पूर्व विधायक एवं हरियाणा सर्वजन पार्टी के अध्यक्ष रोशन लाल आर्य ने कहा
है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवम्बर माह में सांपला में लगने वाली सर
छोटू राम की प्रतिमा का अनावरण करने आ रहे हैं, जो हमारे देश के स्वतंत्रता
संग्राम व सेनानियों का अपमान है, क्योंकि छोटू राम ने स्वतंत्रता की
लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था। आजादी की लड़ाई का विरोध किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वे
प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वे उनकी मूर्ति का अनावरण बिल्कुल भी न
करें, क्योंकि छोटू राम खुद मूर्तिपूजा के विरोधी थी। रोशन लाल आर्य कोयल
काम्पलैक्स में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। आर्य ने कहा कि अगर उनकी
प्रतिमा लगाई जा रही हैं तो यह स्वयं छोटूराम का अपमान है और हम छोटू राम
का अपमान बिल्कुल नहीं होने देंगे, क्योंकि स्वयं छोटू राम व स्व. देवी लाल
मूर्तियों के सख्त खिलाफ थे। अगर हमारी सरकार आई तो हम छोटूराम व स्व. ताऊ
देवी लाल की सभी मूर्तियां हटाकर उनकी इच्छा को पूरा करेंगे। उनकी
मूर्तियों के बर्तन बनाकर मंदिरों में रखवा देंगे। क्योंकि लोग नेताओं के
चित्र नहीं चरित्र देखना चाहते हैं, इसलिए सभी नेताओं के जीवन के बारे में
लोगों को विस्तार से बताना चाहिए।
रोशन लाल आर्य ने मुख्यमंत्री
मनोहर लाल को एक मोम का पुतला बताया और कहा कि वे कभी उधर झूक जाते हैं तो
कभी उधर। उनका कोई स्टैंड नहीं है। पहले वे कहते थे कि जाट आंदोलन के दौरान
तोडफ़ोड़, लूटपाट करने वालों व हत्यारों को सख्त सजा दिलवाएंगे, अब उन्हीं
आरोपियों के पक्ष में खड़े होकर उन पर दर्ज किए गए मामले वापिस लेने,
उन्हें नौकरी देने एवं मुआवजा दिए जा रहे हैं। इस मामले में हाईकोर्ट भी
सरकार को फटकार लगा चुकी है कि सरकार मुरथल कांड वालों को बचाना चाहती है
और हम दंड देना चाहते हैं। मुरथल कांड, जाट आंदोलन व अब विकास बराला के
मामले को देखकर ऐसा लगता है कि जहां भी अपराधी का नाम आता है, वहां पर
मुख्यमंत्री बजाय पीडि़त का साथ देने के अपराधी का साथ देते हैं। आजादी से
पहले देश में ईस्ट इंडिया कंपनी व इंग्लैंड की महारानी का राज था और अब
आजादी के बाद वही स्थिति है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का रोल तो भाजपा
निभा रही है और इंग्लैंड की रानी का रोल आर.एस.एस. वाले निभा रहे हैं और
सरकार चला रहे हैं, जबकि उन्होंने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। पूर्व विधायक
एवं हरियाणा सर्वजन पार्टी के अध्यक्ष रोशन लाल आर्य ने भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की तुलना स्व. देवी लाल से करते हुए कहा कि ऐसी
परिस्थिति में सुभाष बराला को स्व. देवी लाल सीख लेनी चाहिए। जब चौ.
ओमप्रकाश चौटाला एयरपोर्ट पर घडिय़ों की तस्करी के आरोप में पकड़े गए थे तो
स्व. देवीलाल ने हरियाणा की राजनीति को एक नई दिशा देते हुए उस समय तुरंत
अपने पुत्र को बेदखल कर दिया था और कहा था कि जब तक चौटाला इस मामले में
पाक साफ नहीं निकलते वे उसे अपना पुत्र नहीं मानेंगे। अब ऐसी ही परिस्थिति
सुभाष बराला के सामने है। बराला के सामने भी ऐसा ही अवसर हैं, वे अपने
पुत्र विकास को आरोपमुक्त होने तक बेदखल करके उस परंपरा को आगे बढ़ाएं।
क्योंकि बीजेपी के असली पिता माननीय देवी लाल हैं, क्योंकि देवी लाल के साथ
मिलकर ही बीजेपी दो बार हरियाणा में सत्ता में आई थी। आर्य ने कहा कि अगर
सुभाष बराला इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि वे
स्वयं आज रात 12 बजे से पहले सुभाष बराला को बर्खास्त कर दें, ताकि वे कोई
नई गलती न करें।
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