कैथल। हिसार में 11 अगस्त होने वाले ‘पिछड़ा वर्ग सम्मेलन’ के लिए पूरे प्रदेश के पिछड़े वर्गों के नेता कैथल में कपिस्थल की तपोभूमि पर एकत्र हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पवन वाटिका में सभी पिछड़ा वर्ग के नेताओं को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस मीडिया प्रभारी व मौजूदा विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पेट व पीठ एक करके काम करने वाले पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण साल 1991 में कांग्रेस सरकार ने पारित किया। उस समय पहली बार क्लास 3 और क्लास 4 में ही पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलता था। क्लास 1 और 2 में आरक्षण का कोई प्रावधान नही था, तब कांग्रेस पार्टी ने एक आरक्षण कमेटी का गठन किया, जिसमें खुद अध्यक्ष रहते हुए तब उस आरक्षण को 6 फीसदी तक और बढ़ाया गया। अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमशेर सुरजेवाला की अध्यक्षता और कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली बार नम्बरदारी में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायती राज के 73वें व 74वें एक्ट में संशोधन करके महिलाओं, अनुसूचित जातियों और गरीबों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि गरीबों और पिछड़ों के लिए आज तक आरक्षण देने और आरक्षण की लड़ाई लड़ने का काम केवल कांग्रेस पार्टी ने किया है। हम पूछना चाहते हैं कि आज तक पूर्व प्रधानमंत्री देवीलाल और इनेलो नेताओं ने गरीबों के लिए आरक्षण क्यों सुनिश्चित नहीं किया। मोदी सरकार को सत्ता में आए 50 महीने हो गए हैं, लेकिन मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के कानून बैकवर्ड क्लास कमीशन को खत्म करके अपने पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरे को बेनकाब किया है। क्यों मोदी सरकार पिछड़ा वर्ग के कानून को पुनर्गठन करने का काम नहीं कर रही?
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