कैथल। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सीआईए टीम के साथ मिलकर अंतरराज्ययीय लिंग जांच गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है। टीम ने गिरोह के पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए इससे जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के तार उत्तरप्रदेश में जुड़े हैं जहां पर ये लिंग जांच करवाते थे। इस घिनौने काम में स्वास्थ्य विभाग की एएनएम व उसका पति भी शामिल है। यह एएनएम बलबेहड़ा के अस्पताल में कार्यरत है।
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इस सारे मामले की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी सीएमओ डा. नीलम कक्कड़ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि स्वास्थ्य विभाग के बलबेहड़ा स्थित अस्पताल में कार्यरत एएनएम प्रीति अंतरराजयीय गिरोह के साथ मिलकर लिंग जांच कर अवैध धंधा कर रही हैं। मिली जांच के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम का गठन किया गया है। इसमें डा. प्रदीप नागर एसएमओ कौल, डा. गोरव पूनिया, राजेश कुमार तथा नरेंद्र कुमार डीपीएम को शामिल किया गया। आरोपियों को काबू करने के लिए पुलिस विभाग का भी सहयोग लिया गया तथा टीम में सीआईए की टीम को भी शामिल किए गए।
टीम ने अपना जाल बिछाते हुए दो फर्जी ग्राहक महिलाआके को एएनएम प्रीति के पास भेजी। दोनों महिलाओं के साथ लिंग जांच के लिए 23-23 हजार में बात तय हुई। टीम ने तैयारी करते हुए अपनी दो महिलाओं को शनिवार को अर्जुन नगर से गाड़ी में आरोपियों के साथ बिठा दिया तथा नोटों की भी पहचान कर ली गई। जैसे ही गाड़ी अर्जुन नगर कैथल से चली तो थोड़ी ही दूरी पर खड़ी स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ी। आरोपियों की गाड़ी कैथल से पिहोवा, कुरुक्षेत्र, करनाल, यूपी में मेरठ रोड होते गगोह तक पहुंच गई। वहां पहुंचकर दोनों महिलाओं गाड़ी से उतारकर मोटरसाइकिल पर बिठा लिया गया तथा उनके सहयोग भी मोटरसाइकिल पर ही सवार थे। महिलाओं को उत्तरप्रदेश के चिकित्सक तक पहुंचाया। वहां पर उनका अल्ट्रासाउंड किया गया तथा इसमें लड़का बताया गया।
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