कैथल। किसान अपने खेतो में गेहू की कटाई के पश्चात खेत में खड़े गेहू के फान्नो (पराली) में आग लगा देते है जिस से जहा पूरा वातावरण दूषित हो जाता है वही किसान के जमीन के भीतर मित्र कीट भी मर जाते है और इस के साथ साथ जमीन की उत्पादन शक्ति भी कम हो जाती है। किसानो को खेतो में आग लगाने से रोकने के लिए सरकार ने अनेको प्रयास किये तथा सरकार ने खेतो लगाने वाले किसानो के खिलाफ क़ानूनी कारवाही करने के कदम भी उठाये, सरकार ने किसानो को जागरूक करने के लिए अनेको कार्येकर्म भी किए गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उस के बाबजूद भी किसानो को खेतो में आग लगाने से रोकने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सकी। कैथल जींद रोड पर कई किसानो ने अपने खेतो में आग लगाई हुई थी। आग इतनी तेजी से आगे बढ़ रही थी कि आग खेतो से सड़क के किनारे लगे पेड़ पोधो को भी लग गई लग गई। इस आग के कारन सड़क पर काफी धुंआ हो गया जिसके कारन सड़क पर चलने वाले वाहनों का दुर्घटनाग्रस्त होने का भी खतरा बन रहा है।
किसानो द्वारा खेतो में आग लगाने को लेकर नागरिकों ललित कुमार और मोहन नायक ने कहा कि जो किसान अपने खेतो में आग लगाते है वह अपना नुकसान साथ साथ वातावरण को भी दूषित करते है जोकि बेहद गलत है। किसानो को ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने खेतो में आग लगाने से रोकने के बहुत प्रयास किये है लेकिन अभी भी किसान अपने खेती में आग लगा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में सख्त कदम उठाने चाहिए।
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