इसी प्रकार उनकी मांग है कि आंगनवाडी हैल्पर्स से तीन दिन राशन बनवाने का
पत्र वापिस हो। मद ग्रूप की महिलाओं से छह दिन राशन बनवाया जाए व फिक्स
मानदेय दिया जाए। राशन की सप्लाई हर सैंंटर व मीनू के हिसाब से तथा डयूटी
के समय पर हो। आईसीडीएस के निजीकरण पर रोक सहित उनकी अन्य मांगें हैं।
लेकिन प्रशासन व सरकार उनकी इन मांगों की अनदेखी कर रहा है। इससे वर्करों
में गुस्सा है। इसी बात से खफा वे आज प्रदर्शन कर रही हैं। इसके बाद वे
प्रदर्शन करते हुए पुराना बस अड्डा रोड, नवग्रह चौक, करनाल रोड, जाट
ग्राउंड से होते हुए लघु सचिवालय पहुंची। वहां प्रशासनिक कार्यप्रणाली से
गुस्साई वर्करों ने सचिवालय के मुख्य दोनों दरवाजे बंद कर दिए। इससे अंदर
के लोग अंदर रहे और बाहर के लोग बाहर रहे। वर्करों की मांग थी कि डीसी संजय
जून उनके बीच आकर उनकी मांगों का ज्ञापन लें और उनकी बात सुनें। उनके बीच
डीसी नहीं पहुंचे तो उन्होंने गेट बंद करने के बाद नारेबाजी करते हुए बाद
में करनाल रोड भी जाम कर दिया। गुस्साई वर्कर रोड के बीच में जाकर हाय हाय
करने लगी। मामला बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद उनकी मांगों का
ज्ञापन लेने तहसीलदार पहुंचे। तहसीलदार ने आंगनवाडी वर्करों को शांत करते
हुए उनका ज्ञापन लिया। इसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि वे उनके ज्ञापन
को मुख्यमंत्री के पास पहुंचा देंगे। इसके बाद उनकी वार्ता डीसी संजय जून,
आंगनवाड़ी की पीओ के साथ करवाई जाएगी। इस बैठक में वे स्वयं भी मौजूद
रहेंगे। उनकी जो जायज मांगें हैं उनका निदान कर दिया जाएगा। इसके बाद
उन्होंने करीब आधा घंटे बाद जाम खोला। उधर जाम लगने के कारण राहगीरों को
भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जाम में आमजन के अलावा स्कूली बच्चे
भी जाम में फंसे रहे। गर्मी ने राहगीरों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया। जानिए कहां रहते थे अंतिम हिंदू सम्राट विक्रमादित्या, क्या है नाम..
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