कैथल। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा कृषि विज्ञानं केंद्र कैथल के प्रागण में किसानों को फसल उत्पादन में छिड़काव तकनीक के महत्व विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कायेक्रम का आयोजन किया गया। इस शिविर में कैथल जिला के 5 गावों के 50 किसानों को फसलों में छिड़काव और खेत की मिटटी पानी की जांच बारे के विस्तार से ट्रेनिंग दी गई। कृषि विज्ञानिक डॉ. एस.एस. श्योराण, डॉ. रमेश वर्मा, डॉ. जसबीर सिंह ने किसानो को उनके खेतो में फसलों पर किस प्रकार दवाइयों का छिड़काव किया जाये, दवाई और पानी की कितनी मात्रा होनी चाहिए। इसके साथ-साथ खेत की मिटटी और पानी को भी समय-समय पर प्रयोगशाला में चैक करवाना चाहिए ताकि किसान को यह जानकारी मिल सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान राजेश सिकंदर खेड़ी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम किसानों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होते है। उन्होंने कहा कि किसानों की अपनी फसलों को बिमारियों से बचाने और दवाइयों का सही तरीके से छिड़काव करने की पूरी जानकारी मिलती है। सरकार द्वारा किसानो को आधुनिक तकनीकों की जानकारी के लिए समय-समय पर ट्रैनिंग प्रोग्राम आयोजित किये जाने चाहिए।
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