जीन्द। 4 साल के एक बच्चे ने अपने पुनर्जन्म का दावा किया है। बच्चे का पुनर्जन्म का यह दावा आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीन्द के गांव जलालपुरा कलां में करीब 4 साल पहले विनोद और उसकी पत्नी मनजीत के घर पैदा हुआ लविश अपने पुनर्जन्म की बातें बता रहा है। लविश के परिजनों का कहना है कि जब लविश सिर्फ ढाई साल का था तो रामरा रामरा पुकारता था, मां कमला का नाम लेता था। जैसे जैसे बड़ा होता रहा, रामराये रामराये जाने की जिद करने लगा। परिजनों को शक हुआ कि कहीं न कहीं यह पहले जन्म को याद कर रहा है। जब लविश के परिजन लविश को जलालपुर कलां गांव से करीब 7 किलोमीटर दूर इस रामराये गांव में लेकर गए तो यह देखकर आश्चर्यचकित हो गए कि लविश पहले जन्म के अपने घर के रास्ते को खुद ही बता रहा था।
लविश के घर वाले पीछे पीछे और लविश आगे आगे। लविश गलियों से होता हुआ अपने पहले जन्म के उस मकान तक पहुंच गया। लविश ने जहां अपने पहले जन्म का मकान पहचान लिया वहीं पहले जन्म के मां-बाप भी पहचान लिए। इतना ही नहीं, लविश ने अपने पडो़सियों तक की पहचान कर डाली। लविश अपने खेतों तक भी पहुंच गया। उसने जहां अपने खेत पहचान लिए, वहीं वह उस जगह तक भी पहुंच गया, जहां पिछले जन्म में उसकी करंट लगने से मौत हो गई थी।
गांव रामराये में ज्योतिस्वरूप का परिवार रहता है। ज्योतिस्वरूप के संदीप नाम का एक बेटा था, जिसकी 26 जुलाई 2006 को करंट लगने से मौत हो गई थी। उस समय संदीप की उम्र 14 साल थी और वह 11वीं कक्षा में था। लविश को जब संदीप की फोटो दिखाई गई तो उसे पहचानते हुए देर नहीं लगाई और कहने लगा यह फोटो उसके पिछले जन्म की है। लविश की इन आश्चर्यजनक घटनाओं को देखकर पूरा गांव आश्चर्य में था। संदीप का परिवार तो फूले नहीं समा रहा था। संदीप के परिवार का कहना है कि उन्हें बड़ी खुशी है उनके संदीप ने दोबारा मानव योनी में जन्म लिया। वे अब लविश से मिलते रहेंगे। परिजनों का यह भी कहना है कि लविश की बातें सुनकर आज उन्हें पुनर्जन्म पर विश्वास हो गया है। विश्वास भी हो क्यों न उनके संदीप ने दोबारा जन्म जो ले लिया है।
उधर गांव की सरपंच का कहना है कि जो बातें लविश बता रहा है उससे तो यही लग रहा है कि लविश का पुनर्जन्म हुआ है।
भगवतगीता में लिखा है- जो मर गया उसका पैदा होना निश्चित
उधर गांव के बुर्जुगों का कहना है कि गीता में लिखा है जो पैदा होता है उसका मरना निश्चित है और जो मर गया उसका पैदा होना निश्चित है। जन्म मरण चलता रहता है और इसी कड़ी में लगता है संदीप ने लविश के रूप में जन्म लिया है।
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