अगर
मंच संचालन की बात की जाए तो फिलहाल बिरधाना विद्यालय में सबसे पहले एक ही
नाम आएगा और वह नाम है कीर्ति का। कीर्ति जब मंच संचालन कर रही हो तो वह
अपनी संवाद अदायगी से सभी श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर देती है। संवाद में
निपुणता का श्रेय वे अंग्रेजी प्राध्यापक विजयपाल यादव को देना चाहती है
क्योंकि विजयपाल यादव ने जबसे स्कूल में ज्वाईनिंग की, उसी समय से कीर्ति
ही नहीं बल्कि विद्यालय के लगभग सभी विद्यार्थियों को संवाद में निपुण करते
आ रहे हैं। कीर्ति अपनी दबंग आवाज व कौशल बुद्धि से संवाद अदायगी में
महारत हासिल कर चुकी है। यह भी पढ़े : अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
आईएएस है लक्ष्य
गांव के
सरकारी स्कूल में पढने वाली कीर्ति ने बताया कि उनका लक्ष्य आईएएस बनना है।
उनका कहना है कि कड़ी मेहनत व लग्न से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा
सकता है। कीर्ति का कहना है कि भले ही वे शैक्षणिक पारिवारिक पृष्टभाूमि से
न हो, लेकिन टीचरों का इसी तरह मार्गदर्शन मिलता रहा तो वे अपने लक्ष्य को
जरूर हासिल करेगी। कीर्ति11वीं व 12वीं की पढ़ाई गांव में ही करना चाहती
है, क्योंकि गांव के स्कूल को 12वीं तक का दर्जा हासिल है।
साईंस विषय में 100 में से 100 अंक दिलाने वाली सार्इंस टीचर संगीता का कहना है कि कीर्ति
काफी लगनशील छात्रा है। हमारी कोशिश और उसकी मेहनत से ये परिणाम आया है।
कीर्ति 12 वी भी इसी स्कूल से करना चाहती है। लेकिन विद्यालय में विज्ञान
संकाय की फैकल्टी नहीं है व गणित का प्राध्यापक भी नहीं है। वो विभाग से व
सरकार से इसकी मांग करते है। वही इंन्चार्ज विजयपाल का कहना है कि सरकार
यदि उनके विद्यालय में विज्ञान संकाय लागू कर गणित सहित अन्य प्राध्यापकों
की नियुक्ति कर देती है तो सिर्फ कीर्ति ही नही ही नहीं बल्कि गांव व
आसपास के गांवों की अन्य छात्राएं भी यहीं शिक्षा ग्रहण करेगी और उन्हें
झज्जर जैसे शहर का रूख नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि बिरधाना का स्कूल आसपास
के गांवों का केंद्र बिंदु है वही उनका कहना है कि अगर इन विषयों का कोई
टीचर नही आता है तो सभी स्कूल स्टाफ सदस्य कीर्ति के टयूशन का खर्च
उठाएंगे।
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