चंडीगढ़।
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पशु संजीवनी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके
अन्तर्गत पशुपालकों को मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक्स के माध्यम से निशुल्क
गुणवत्तापरक चिकित्सा सेवाएं और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उनके घर-द्वार पर पशुधन
के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रारम्भ में, इस सेवा को तीन जिलों नामत: जींद,
यमुनानगर और नूंह के सभी खण्डों में आरम्भ किया जाएगा।
इस आशय का एक निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता
में आज यहां हुई पशुपालन एवं डेरी विभाग की एक बैठक में लिया गया। बैठक में
पशुपालन एवं डेरी विभाग के मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ भी उपस्थित थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट
आधार पर चलाई गई योजना की सफलता के उपरांत इस योजना को अन्य जिलों में भी शुरू
किया जाएगा। मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाओं को सार्वजनिक निजी भागिदारिता (पीपीपी)
मोड में प्रदेश के अनकवर्ड, स्टाफ की कमी वाले और दूर-दराज के क्षेत्रों में शुरू
किया जाएगा। यह योजना न केवल पशुधन को तुरंत आपातिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने
में सहायक होगी, बल्कि नीम-हकीमों की गतिविधियों पर भी अंकुश लगाएगी।
बैठक में
बताया गया कि पशुपालक टोल फ्री नम्बर 1962 पर फोन करने के उपरांत 24 घण्टे मोबाइल
चिकित्सा क्लीनिक की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इन तीनों जिलों के प्रत्येक खण्ड
की सेवा में एक मोबाइल वाहन को लगाया गया है ताकि पशुधन को आपातिक चिकित्सा सेवाएं
और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान की जा सकें। प्रत्येक मोबाइल वाहन में तीन
सदस्यों का एक दल होगा, जिसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरा वैट और एक सहायक-सह-चालक
शामिल हैं। इसके लिए पशुपालक से प्रति दौरा प्रति मालिक के हिसाब से 100 रुपये की
मामूली फीस वसूल की जाएगी। बहरहाल, उपचार और औषधियां निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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