हिसार। यहां देसी मुर्गे को लेकर हुआ विवाद खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। एक मामूली से दिखने वाले मुर्गे की मौत ने गांव के शांत माहौल को आग में बदल दिया। इस सर्द रात की हवा में घुली थी बदले की बू, और अंत हुआ एक खौफनाक मर्डर से।
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गांव तलवंडी राणा की इस घटना ने सोमवार रात को उस वक्त विकराल रूप धारण कर लिया, जब दो पक्षों के बीच मामूली तकरार खूनी संघर्ष में बदल गई। कृष्ण नामक युवक की हत्या कर दी गई और उसका भाई, मिश्री, अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। पूरे इलाके में खौफ और गुस्से की लहर दौड़ गई। हत्या के बाद भड़के परिजनों ने हिसार सिविल अस्पताल के सामने रोड जाम कर दिया। उस सड़क पर गाड़ियां थम गईं, और जनता का गुस्सा आसमान छूने लगा। पुलिस के ढुलमुल रवैये पर सवाल खड़े होते रहे, और SP कार्यालय के बाहर इंसाफ की मांग गूंजने लगी।
मृतक कृष्ण, उम्र 37, एक साधारण सा दूधवाला था, जिसकी एक डेयरी थी। उसका परिवार खुशहाल नहीं था, लेकिन दो-तीन साल का मासूम बेटा उसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा खजाना था। किसे पता था कि एक मामूली मुर्गा उसकी जिंदगी छीन लेगा।
कुछ दिन पहले कर्ण नामक व्यक्ति ने कृष्ण से एक देसी मुर्गा खरीदा था। पैसे नहीं दिए थे। मुर्गा बीमार पड़ गया और कर्ण ने कृष्ण से कहा, "तुम्हारा मुर्गा बीमार है, इसे वापस ले जाओ।" लेकिन कृष्ण ने मना कर दिया और मामला वहीं खत्म होता दिखा। पर असली कहानी तो अभी शुरू हुई थी।
भाई के शब्दों में हत्या की साजिश
कृष्ण का भाई रमेश उस रात की घटना को याद करते हुए कहता है, "कर्ण ने बीते कल हमें पैसे देने का वादा किया और भाई को रात में बुलाया।" रात के साए में, करीब 8 बजे, कृष्ण अपने छोटे भाई मिश्री के साथ कर्ण के घर पहुंचा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि कर्ण के घर में मौत उनकी राह देख रही थी।
कर्ण और उसके साथियों ने दोनों पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। यह हमला सिर्फ एक झगड़े का नतीजा नहीं था, यह एक साजिश थी। कृष्ण ने मौके पर दम तोड़ दिया, जबकि मिश्री की हालत अभी भी नाजुक है। अस्पताल के बेड पर मिश्री की आंखों में अब भी उस खूनखराबे का डर साफ दिखता है।
साजिश या संयोग? : गांव के प्रधान, अली शेर गुर्जर, ने इस हत्या को एक सोची-समझी साजिश बताया। उनका कहना है, "कृष्ण घर का इकलौता कमाने वाला था। आरोपी पहले से उसकी हत्या की प्लानिंग कर चुके थे। पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हमें न्याय चाहिए।"
पुलिस की जांच और न्याय की पुकार : पुलिस ने कर्ण समेत तीन नामजद और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। परिजन पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं कि वो मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। पुलिस की ओर से जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया गया है, लेकिन गांव में इंसाफ की मांग गहराती जा रही है।
इस मामूली से मुर्गे की वजह से एक परिवार उजड़ गया, और गांव में अब सिर्फ बदले की कहानियां हवा में तैर रही हैं। न्याय की घड़ी कितनी दूर है, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस हत्या ने हिसार के इस छोटे से गांव की आत्मा को गहरे घाव दे दिए हैं।
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