हिसार।
शिक्षा विभाग की ओर से 1000 नवनियुक्त जेबीटी टीचर्स को हटाने का विरोध
शुरू हो गया है। इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। शिक्षा निदेशालय की ओर
से कम्बाइंड मेरिट लिस्ट जारी करके सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को ये
निर्देश दिए गए है कि जिन जेबीटी का नाम कम्बाइंड मेरिट लिस्ट में नहीं
उन्हें हटाया जाए, जिस कारण 1000 के साथ 9455 नवनियुक्त जेबीटी में भारी
आक्रोश पैदा हो गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसी संदर्भ में रविवार को मधुबन पार्क
स्थित कुम्हार धर्मशाला में राजकीय जेबीटी संघर्ष समिति की आपातकालीन बैठक
बुलाई गई। बैठक में विभाग की ओर से जारी निर्देश को गलत बताया। साथ ही
सरकार को चेतावनी दी है यदि सरकार ने अपने फैसले को नहीं बदला तो वे आगामी
रणनीति बनाकर धरना देंगे। जेबीटी ने कहा कि इस बारे में सोमवार को उच्च
अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।
राजकीय जेबीटी संघर्ष समिति के
कानूनी संयोजक पवन चमारखेड़ा ने कहा कि विभाग का संयुक्त मेरिट सूची के नाम
पर 1000 नवनियुक्त जेबीटी को हटाने का कदम अन्यायपूर्ण है। विभाग की ओर से
जारी निर्देश से साफ हो गया है कि उनकी मंशा 1000 नवनियुक्त जेबीटी को
हटाने की है, जबकि हाईकोर्ट ने किसी को हटाने बारे कोई आदेश नहीं दिया है।
अब वे चुप नहीं बैठेंगे। समिति की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की
जाएगी।
पवन ने स्पष्ट रुप से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि
अगर सरकार ने एक भी नवनियुक्त जेबीटी को हटाया, तो प्रदेश भर में जन आंदोलन
छेड़ दिया जाएगा। गया वहीं राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक प्रभारी
सुनील बास ने कहा कि अगर सरकार ने जेबीटी को हटाने का थोड़ा सा भी प्रयास
किया तो यह बात सहन नहीं की जाएगी। सोमवार को अतिरिक्त मुख्यसचिव के समक्ष
जेबीटी की समस्या को रखा जाएगा। अगर उसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला
तो जन आंदोलन तय है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्याज दाम पर काबू पाने के उपायों का जायजा लिया
BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले- मोदी को तानाशाह के रूप में बदनाम करने की साजिश
Unnao Gangrape Case : पीडि़ता को भेजा गया सफदरजंग अस्पताल, महिला आयोग ने UP DGP से मांगी रिपोर्ट
Daily Horoscope