चण्डीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर
विभिन्न घोषणाएं कर हरियाणावासियों को विभिन्न सौंगातों के तोहफे दिए,
जिनमें स्वस्थ हरियाणा के तहत सभी 22 जिलों के नागरिक अस्पतालों में
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, म्हारा गांव जगमग गांव योजना के
तहत 507 ओर गांवों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, शहीदों के आश्रितों के
लिए ग्रुप बी की भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान, सरकारी कर्मचारियों को
अन्य विभागों में उच्च पद पर आवेदन के लिए आगे से अनापत्ति प्रमाण पत्र
लेना आवश्यक नहीं होगा जैसे घोषणाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं। मुख्यमंत्री
ने आज प्रदेश में एक नवंबर 2018 से सभी सामाजिक सुरक्षा पैंशन 1800 से
बढ़ाकर 2000 रुपये करने की घोषणा भी की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री आज 72वें
स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक नगर हिसार के महाबीर स्टेडियम में राष्ट्रीय
ध्वज फहराने तथा परेड का निरीक्षण करने उपरांत हरियाणा के लोगों को
स्वतंत्रता दिवस का अपना संदेश दे रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने
लघुसचिवालय स्थित शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को अपने श्रद्घासुमन अर्पित
किए।
एसवाईएल बदहालती व इसे
राजनीतिक मुद्ïदे के रूप में उपयोग करने के लिए प्रदेश की राजनीतिक
पार्टियों को जिम्मेवार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने रावी-ब्यास से हरियाणा
के हिस्से का पानी इसी वर्ष लेने का संकल्प लिया और कहा कि 11 वर्षों तक
राष्ट्रपति संदर्भ के लिए एसवाईएल का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में लटका
रहा परंतु हमने आते ही इस पर न्यायालय में नियमित सुनवाई करवाई और हरियाण
के हक में फैसला आया।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार
कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे भी 10 वर्षों लटका पड़ा था परंतु इसका
निर्माण भी हमारी सरकार ने ही पूरा करवाया है। उन्होंने कहा कि हिसार हवाई
अड्ïडे की घोषणाएं राजनीतिक पार्टियां अरसों से करती आ रही थी, परंतु
स्वर्ण जयंती समापन समारोह पर हिसार के इसी महाबीर स्टेडियम में भारत के उप
राष्ट्रपति एन.वैंकय्या नायडु की उपस्थिति में हिसार हवाई अड्ïडे की
घोषणा उन्होंने की थी, जो हमारी चुनावी घोषणा पत्र में भी नहीं था, परंतु
जनहित में आज वह वायदा भी पूरा कर दिया और आज से इसका विधिवत शुभारंभ हो
जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके
आश्रितों तथा सेवारत व भूतपूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के प्रति अपना
फर्ज निभाने में हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अलग से सैनिक व अर्थ सैनिक
कल्याण विभाग खोलने के साथ-साथ राज्य सरकार ने शहीदों के 221 आश्रितों को
विभिन्न विभागों में नौकरी दी है। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्घ तक के उन
शहीदों को भी जिनका कोई पुत्र नहीं था, उनकी पुत्री को तथा दत्तक पुत्रों
को भी नौकरी दी है।
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