नई दिल्ली/गुरुग्राम। विश्व आद्र्रभूमि दिवस (वर्ल्ड वेटलैंड डे) 2022 के अवसर पर बुधवार को यहां दो नए रामसर स्थलों की घोषणा की गई और एक 'नेशनल वेटलैंड डेकाडल चेंज एटलस' जारी किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुजरात में खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य की नई रामसर साइट यानी अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आद्र्रभूमि के रूप में घोषणा के साथ, भारत में अब 49 रामसर साइटें हैं।
विश्व आद्र्रभूमि दिवस 2 फरवरी को ईरानी शहर रामसर में उसी दिन 1971 में आद्र्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को चिह्न्ति करता है। इस वर्ष का विषय 'वेटलैंड्स एक्शन फॉर पीपल एंड नेचर' है, जो मनुष्यों और ग्रहों के स्वास्थ्य के लिए आद्र्रभूमि के संरक्षण और सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कार्यों के महत्व पर प्रकाश डालता है।
सभी 49 रामसर स्थलों को मिलाकर अब 10,93,636 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। बखिरा वन्यजीव अभयारण्य बड़ी संख्या में विशेष मध्य एशियाई फ्लाईवे के लिए एक सुरक्षित सर्दियों और मचान मैदान प्रदान करता है, जबकि खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य एक तटीय आद्र्रभूमि है जिसमें समृद्ध एविफनल विविधता है जो लुप्तप्राय और कमजोर प्रजातियों को एक सुरक्षित आवास प्रदान करती है।
मूल वेटलैंड एटलस 2011 में जारी किया गया था। दशकीय परिवर्तन एटलस उन परिवर्तनों पर प्रकाश डालता है जो देशभर में आद्र्रभूमि में हुए हैं।
विश्व आद्र्रभूमि दिवस के अवसर पर मुख्य राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम गुरुग्राम के बाहरी इलाके में हरियाणा के रामसर स्थल सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित किया गया था।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस कार्यक्रम में दशकीय परिवर्तन एटलस का शुभारंभ किया।
--आईएएनएस
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