गुरुग्राम। हरियाणा कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने हरियाणा सरकार द्वारा दूध पर लगाए गए सेस टैक्स को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह टैक्स दूध उत्पादकों के लिए अन्यायपूर्ण है और इससे डेयरी उद्योग का पलायन हो रहा है।
बुवानीवाला के अनुसार, लगभग 25 साल पहले इनेलो सरकार द्वारा लगाया गया यह सेस टैक्स दूध उत्पादकों पर एक अनावश्यक बोझ है।
उन्होंने कहा कि यह टैक्स दूध डेयरी संचालकों से वसूला जाता है, लेकिन इसका लाभ किसानों या दूध उत्पादकों तक नहीं पहुंचता है। सेस टैक्स के कारण हरियाणा में डेयरी उद्योग का पलायन हो रहा है। कभी राज्य में 500 से अधिक डेयरियां थीं, जो अब घटकर लगभग 300 रह गई हैं। कई डेयरी संचालक उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित हो गए हैं, जहां यह टैक्स नहीं है।
सरकार ने "वन टाइम सेटलमेंट" योजना के तहत टैक्स में कुछ छूट दी, लेकिन बुवानीवाला का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने सरकार से इस टैक्स को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग की है।
सेस टैक्स के कारण दूध डेयरी संचालकों को अन्य राज्यों से महंगा दूध मंगवाना पड़ता है, जिससे उनकी लागत बढ़ती है। डेयरी उद्योग के पलायन से रोजगार भी प्रभावित हो रहा है। हरियाणा से 200 से भी अधिक दुग्ध डेयरी संचालक पलायन कर चुके हैं। सरकार या तो सेस टैक्स का पैसा दूध उत्पादकों को दे, या इसे पूरी तरह से समाप्त करे। सरकार दूध डेयरी संचालकों और दूध उत्पादकों को राहत प्रदान करे।
अशोक बुवानीवाला का बयान हरियाणा में दूध उत्पादकों और डेयरी उद्योग की समस्याओं को उजागर करता है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करने और दूध उत्पादकों को राहत प्रदान करने की मांग की है।
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