गुरूग्राम। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण
मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि दिल्ली एनसीआर की हर समस्या का
समाधान हरियाणा है। कृषि क्षेत्र में हरियाणा का कुशल मानव संसाधन
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बसने वाली आबादी के खान-पान के लिए ताजा
खाद्य उत्पादों की आपूर्ति करने में सक्षम है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
यह बात बुधवार को गुरुग्राम के सेक्टर 44 स्थित अपैरल हाऊस में दो दिवसीय पैरी
अर्बन एग्रीकल्चर राष्ट्रीय कार्यशाला के पहले दिन उपस्थित प्रगतिशील
किसानों, कृषि वैज्ञानिकों तथा अधिकारियों को मुख्य अतिथि के तौर पर
संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण
मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, कार्यशाला के सहयोगी राज्य उत्तर प्रदेश के कृषि
मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के प्रधान
सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने भी अपने विचार रखें।
केंद्रीय
मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि एवं किसान कल्याण के क्षेत्र में हरियाणा
राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान हुए कार्यों को लेकर हरियाणा के
मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा विभाग के मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की जमकर
प्रशंसा की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए
कहा कि हरियाणा में होर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी खोलने को स्वीकृति प्रदान करने
के साथ-साथ 200 करोड़ रुपए की मदद भी की। पैरी अर्बन को बढ़ावा देने के
लिए केंद्र सरकार की ओर से फरीदाबाद जिला को चार करोड़ रुपए की वित्तीय
सहायता प्रदान की तथा हरियाणा में किसानों को परंपरागत खेती से बागवानी के
प्रति प्रोत्साहित करने के लिए 103 करोड़ रुपए भी प्रदान किए गए।
उन्होंने
कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने की दिशा में केंद्रीय कृषि एवं
किसान कल्याण मंत्रालय गंभीरता से काम कर रहा है। देश में किसानों की
खुशहाली के लिए जल्द पीएम किसान संपदा योजना आरंभ होगी। एग्रो प्रोसेसिंग
से जुड़ी छह हजार करोड़ रुपए की इस योजना से देश के 20 लाख किसान लाभांवित
होगे। जिसका लाभ पैरी अर्बन फार्मिंग से जुड़े लोगों को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए जिस भी राज्य से जो प्रस्ताव आता
है उसे तुरंत मंजूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में धरती को मां
का दर्जा दिया गया है। आगामी पांच दिसंबर को वल्र्ड सॉयल डे है। सभी
राज्यों में कृषि विज्ञान केंद्रों पर यह दिवस मनाया जाएगा। देश में अब तक
दस करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए जा चुके हैं।
उन्होंने
बताया कि पशुधन को प्रोत्साहन देने के लिए ई-पशुधन पोर्टल आरंभ किया गया
है। इस पोर्टल में भारत की देसी नस्लों की गाय व पशुधन से जुड़े उत्पादों
का विवरण है। पशुधन के विकास के लिए 10,883 करोड़ रुपए के डेयरी प्रोसेसिंग
एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की स्थापना की गई है। पशुधन भी राष्ट्रीय धन है,
इनकी उत्पादकता बढ़ाने से किसान खुशहाल होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा
सरकार की ओर से पशुपालन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य से अब
दिल्ली में भी गाय का दूध मिलना आरंभ हो गया। हरियाणा के कृषि एवं किसान
कल्याण मंत्री ओपी धनखड़ ने कार्यक्रम में पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री का
पुष्प गुच्छ भेंट कर तथा झज्जर के अमरूद भेंट किए।कार्यशाला
के सहयोगी राज्य उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अपने
संबोधन में कहा कि केवल खाद्यान्न उगाने से किसानों की आमदनी नहीं बढ़ाई जा
सकती। किसानों को अब कृषि के सहयोगी कार्य बागवानी, पशुपालन, मत्स्य व शहद
उत्पादन आदि कार्यों में रूचि पैदा करनी होगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र में
उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि देश के मेंथा
उत्पादन का 50 प्रतिशत, आंवला उत्पादन का 40 प्रतिशत, आलू 30 प्रतिशत व आम
34 प्रतिशत आदि अकेले उनके राज्य से होता। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए
उनकी सरकार ने तेजी से कार्य किए है। उन्होंने पैरी अर्बन एग्रीकल्चर
राष्ट्रीय कार्यशाला में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा से लेकर मेरठ की
महत्वपूर्ण भूमिका बताई।
हरियाणा में
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने बताया कि
राज्य में बागवानी के क्षेत्र को आने वाले वर्षों में साढ़े सात प्रतिशत से
15 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। बागवानी उत्पादन जोकि
वर्तमान में 70 लाख एमटी है उसको भी 207 एमटी तक ले जाने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में होर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी को अंतरराष्ट्रीय
मानकों पर ले जाने के लिए नीदरलैंड व बर्मिंगम यूनिवर्सिटी (यूके) के साथ
सांझा सहमति पत्र भी हस्ताक्षर हुए है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय
कार्यशाला से किसानों व अधिकारियों को एक मोटिवेशन मिलेगा। कार्यक्रम के
दौरान संस्कृति मॉडल स्कूल की छात्राओं ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम की
प्रस्तुति दी।
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