गुरुग्राम । गुरुग्राम की एक 60 वर्षीय महिला ने अंगदान कर कम से कम चार लोगों को नया जीवन दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इंट्राकै्रनील हेमोरेज से पीड़ित होने के बाद महिला को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद पारस अस्पताल में उसके परिवार के सदस्यों ने अंगदान पर अपनी सहमति दी, जिसके चलते चार जिदगियों को बचाया गया।
महिला को 7 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टरों ने 10 जुलाई को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। उसी दिन उसके परिवार के सदस्यों ने अंगदान के लिए मंजूरी दे दी।
परिवार की ओर से आधिकारिक तौर पर अनुमति देने के बाद नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑगेर्नाइजेशन के अधिकारियों ने दोनों किडनी और आंखें आवंटित कर दी।
महिला की एक किडनी उसी अस्पताल में 42 वर्षीय पुरुष मरीज को दी गई, जबकि दूसरी फरीदाबाद के एशियाई अस्पताल में 17 वर्षीय महिला मरीज को दान कर दी गई। दिल्ली के निजी अस्पतालों में दो व्यक्तियों को आंखें दान की गईं।
पारस अस्पताल के नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लाट डिपार्टमेंट के निदेशक और एचओडी पीएन गुप्ता ने कहा, महिला को इंट्राकै्रनील हेमोरेज के साथ भर्ती कराया गया था और उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। न्यूरोसर्जिकल टीम के कड़े प्रयासों के बावजूद, उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, बहुत कम परिवारों को अंगदान के महत्व का एहसास होता है। उनके अंगों के साथ, चार लोगों को नया जीवन मिला है। हजारों लोग अंगों के न मिलने के कारण मर जाते हैं। कोई भी अंग दान कर सकता है, चाहे उनकी उम्र, लिंग, जाति या धर्म कुछ भी हो।
--आईएएनएस
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