गुरुग्राम। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव ने कहा कि राहुल गांधी की दो साल की सजा और संसद की सदस्यता रद्द करना पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा दिए गए गलत बयानों के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि मामले में भाजपा और केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है और राहुल गांधी को अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। यादव ने कहा कि कांग्रेस का राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के लिए भाजपा और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराना गलत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि कार्यवाही अदालत द्वारा की जाती है। अदालत की कार्यवाही में सरकार, पार्टी की कोई भूमिका नहीं होती है। अदालत के आदेश का संज्ञान लेते हुए, लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द की है। जिस मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया है, उसकी कार्यवाही चार साल तक चली है।
यादव ने आगे कहा कि इस मामले में उन्हें कोर्ट के सामने माफी मांगने का मौका भी दिया गया, लेकिन अपने अहंकार में डूबे राहुल गांधी ने माफी मांगना उचित नहीं समझा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आज पार्टी और केंद्र पर जो आरोप लगा रहे हैं, सदस्यता भंग होने के बाद उन्होंने किसी उच्च न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया। ऐसा न करके उन्होंने मान लिया है कि उनसे गलती हुई है। राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गलत बयानबाजी करते रहे हैं।'
यादव ने कहा कि कई बार राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों को राष्ट्रहित में नहीं कहा जा सकता है। यादव ने यह भी कहा कि उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर चौकीदार चोर की बात की। कभी-कभी वे कहते हैं कि मोदी जी हिटलर हैं।
कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि लोग मोदी जी को डंडे से मारेंगे। कभी-कभी यह कहा जाता है कि सैनिकों के खून से दलाली की गई है। लोकतंत्र में विपक्ष को विरोध का अधिकार है, लेकिन विरोध का मतलब यह नहीं है कि वह गलत बोलें।(आईएएनएस)
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