गुरुग्राम। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने 366 रियाहशी सोसाइटियों को अपने-अपने परिसर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर सिविक एजेंसी द्वारा उनके सीवरेज कनेक्शन को काट दिया जाएगा। यह फैसला राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा हाल ही जीएमडीए को लगाई गई लताड़ के बाद लिया गया है, जिसमें एनजीटी ने कहा था गुरुग्राम शहर यमुना नदी को प्रदूषित कर रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुरुग्राम शहर का सीवर नजफगढ़ नाले में जाता है और आगे जाकर यह यमुना में मिलता है। चिंता का प्रमुख कारण यमुना नदी में बिना ट्रीट किए हुए सीवेज के पानी का मिलना है।
जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. उमा शंकर ने बताया कि यह नोटिस उन निजी डेवलपरों को भेजा गया है, जिन्होंने अपने-अपने परिसर में एसटीपी स्थापित करने के वादे के साथ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से निर्माण का लाइसेंस हासिल किया है।
शंकर ने कहा, "इस प्रावधान के तहत हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे रिहाइशी सोसाइटियों की रैंडम चेकिंग करें कि क्या उन्होंने एसटीपी लगाया है या नहीं।"
उन्होंने कहा, "जांच के दौरान पाया गया कि 366 रिहाइशी सोसाइटियों में एसटीपी नहीं लगे हैं या फिर चालू नहीं हैं।"
--आईएएनएस
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