चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फतेहाबाद में एग्रो बेस्ड उद्योग स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) एग्रो बेस्ड उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन खरीदेगी। इससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास होने से पूंजी निवेश बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के संसाधन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने गांव धांगड़ में स्थापित बहुतकनीकी सस्थान को इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने की भी घोषणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री फतेहाबाद में पंचनंद ट्रस्ट द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मनोहर लाल ने शहरवासियों की मांग पर शहर में पहले से स्थापित दो पार्कों में ओपन जिम बनाने तथा एक नया पार्क विकसित कर उसमें भी ओपन जिम बनाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही पंचनंद ट्रस्ट द्वारा धर्मशाला के लिए भूमि देने की मांग पर मुख्यमंत्री ने समिति सदस्यों से ही कहा कि वे उपयुक्त जगह तलाशें सरकार उसमें हरसंभव सहयोग करेगी।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। पूरे प्रदेश में समान रूप से ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ की भावना के साथ विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़के, धर्मशालाएं और दूसरे प्रकार के आधारभूत ढांचे का विकसित करना ही विकास नहीं है, बल्कि मनुष्य निर्माण और समाज निमार्ण उससे भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश सरकार ने लिंगानुपात में सुधार करने का बीड़ा उठाया और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाते हुए लिंगानुपात को 835 से बढ़ाकर 937 के लक्ष्य को प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब व्यक्ति में नैतिकता, चरित्र और संस्कारभाव विकसित नहीं होंगे, तो व्यक्ति का जीवन पशु समान है। शिक्षा के साथ-साथ हमें संस्कारभाव को जीवन में ढालना होगा। उन्होंने कहा कि हमें महापुरूषों के दिखाए मार्ग पर चलकर अपना चरित्र निर्माण करना होेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी महापुरूषों की जयंतियों को प्रदेश भर में सरकारी स्तर पर मनाने का निर्णय लिया और गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार तीसरी बार मनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता के कुछ श्लोकों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद् भगवत गीता के कर्म सिद्धांत की चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से गीता में वर्णन किया गया है कि कर्म करते रहे और फल की इच्छा न करें, उस भाव को हमें जीवन में उतरना है और समाज की सेवा करनी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र और नेताओं के प्रति लोगों की सोच कोई बहुत अच्छी नहीं रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम बनते ही यह चैलेंज स्वीकार किया कि राजनीतिक बिरादरी की छवि को ठीक करवाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी उद्देश्य से केंद्र और राज्य की सरकार ने भ्रष्टाचार पर पूर्णरूप से अंकुश लगाया तथा एक पारदर्शी शासन व प्रशासन जनता को देने का काम किया।
इस अवसर पर पंचनंद स्मारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को महात्मा की संज्ञा देते हुए उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है, जिन्होंने मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को बढ़ाया है। महामंडलेश्वर ने कहा कि जिस प्रकार से एक संत सुबह उठकर अपनी दैनिक क्रियाएं आरंभ करता है, उसी प्रकार से मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी ब्रहमूहर्त में उठकर अपनी क्रियाएं आरंभ करते हैं और सुबह से ही लोगों से मिलना जुलना आरम्भ कर देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐेसे राजनेता ही देश और प्रदेश को तरक्की के पथ पर आगे ले जा सकते हैं। इस मौके पर पंचनंद स्मारक ट्रस्ट की ओर से श्रीमद् भगवत गीता और स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
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