फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल के बीच दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर स्थित गदपुरी टोल के पास 23 अगस्त को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। गौरक्षा के नाम पर काम करने वाले कुछ लोगों ने कार सवार एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस युवक की पहचान फरीदाबाद के रहने वाले आर्यन मिश्रा के रूप में हुई है, जो 12वीं कक्षा का छात्र था।
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घटना के दिन आर्यन अपने दोस्तों के साथ डस्टर गाड़ी में नूडल्स खाने के लिए निकला था। इसी दौरान, गो-रक्षकों को सूचना मिली कि डस्टर गाड़ी में कुछ तस्कर शहर में घूम रहे हैं। इस संदिग्ध सूचना के आधार पर, उन्होंने आर्यन और उसके दोस्तों की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। गोरक्षक गाड़ी को 30 किलोमीटर तक दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर दौड़ाते रहे, और अंततः उन पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में एक गोली आर्यन के सीने में जा लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान आर्यन ने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सोमवार, 3 सितंबर को पुलिस ने खुलासा किया कि पकड़े गए लोग गोरक्षा दल से जुड़े हुए हैं। उनका दावा था कि उन्होंने कार सवारों को मुस्लिम तस्कर समझकर उनका पीछा किया और उन पर फायरिंग कर दी।
अब तक सामने आई कहानी के मुताबिक 23 अगस्त की रात, आर्यन मिश्रा, जो एनआईटी 5 नंबर में रहता था, अपने दोस्तों शैंकी, हर्षित, उसकी मां श्वेता गुलाटी और दो अन्य महिलाओं के साथ वर्धमान मॉल में नूडल्स खाने गया था। उसी दिन गोरक्षकों को सूचना मिली थी कि शहर में गोतस्कर घूम रहे हैं।
जब आर्यन और उसके साथी नूडल्स खाकर लौट रहे थे, तो सेक्टर 21 के पास स्विफ्ट कार सवारों ने हर्षित की डस्टर कार को रुकने का इशारा किया। गाड़ी हर्षित चला रहा था और आर्यन कंडक्टर साइड में बैठा था। कार सवार श्वेता गुलाटी के अनुसार, स्विफ्ट कार में पुलिस जैसी लाइट लगी हुई थी, जिसे देखकर उन्हें लगा कि पुलकित ने शैंकी (दोनों के बीच पहले झगड़ा हुआ था) को पकड़ने के लिए पुलिस को भेजा है। इसके बाद, स्विफ्ट सवारों ने उनकी कार का पीछा करना शुरू कर दिया।
जब हर्षित ने कार भगाई, तो गौरक्षकों को लगा कि डस्टर गाड़ी में तस्कर हैं। करीब 30 किलोमीटर पीछा करने के बाद, गोरक्षकों ने फायरिंग कर दी। पलवल के गदपुरी में एक गोली आर्यन के सीने में लगी। गोरक्षकों ने जब कार रोकी, तो उन्होंने आर्यन को एक और गोली मारी। महिलाओं को देखकर उन्हें लगा कि उन्होंने गलत लोगों का पीछा किया है, और वे वहां से भाग गए। गंभीर हालत में आर्यन को फरीदाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 24 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद, गोरक्षकों ने फरीदाबाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और दो दिन के रिमांड पर लिया। पूछताछ के दौरान, गोरक्षकों ने स्वीकार किया कि उन्होंने डस्टर गाड़ी को गो-तस्कर समझकर उसका पीछा किया था।
इस घटना ने एक बार फिर से गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा और सांप्रदायिक तनाव की गंभीरता को उजागर किया है। एक निर्दोष हिंदू छात्र को महज एक गलतफहमी के आधार पर अपनी जान गंवानी पड़ी, जिससे न केवल परिवार, बल्कि समाज भी सदमे में है। यह घटना सवाल खड़ा करती है कि गोरक्षा के नाम पर हो रहे ऐसे अत्याचारों का शिकार आखिर कब तक मासूम लोग बनते रहेंगे?
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