मुख्यमंत्री मनोहर लाल बोले- डॉक्टरों की कमी दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फरीदाबाद। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहाकि डब्ल्यूएचओ स्टैंडर्ड के हिसाब से राज्य में 28 हजार डॉक्टर होने चाहिए। लेकिन, प्रदेश में प्राइवेट चिकित्सकों को मिलाकर 13 हजार ही डॉक्टर हैं। सरकार चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। अब प्रदेश के सभी 22 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने के साथ ही एमबीबीएस की सीटों की संख्या भी लगातार बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेद औऱ एलोपैथी का संयुक्त कॉलेज बनवाने की अनुमति भी मांगी है।
मुख्यमंत्री शनिवार को फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में सिविल-20 (सी-20) के एकीकृत समग्र स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन (जी-20 के आधिकारिक कार्य समूहों में से एक) का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने वर्चुअली संबोधित किया। अर्जेंटीना, रवांडा और मलावी जैसे देशों के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी शिखर सम्मेलन में उपस्थित थे। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता और मानवतावादी माता अमृतानंदमयी (अम्मा) सी-20 की अध्यक्ष हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमें 5एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सुरक्षा और स्वाभिमान के सिद्धांत पर काम करते हुए भूटान की तरह हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाना होगा। शरीर को सदैव निरोगी और स्वस्थ रखने पर ध्यान देना होगा। इसके लिए योग, आयुर्वेद व बेहतर दिनचर्या का अनुपालन करना होगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद में अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन का भी उद्घाटन किया। इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी। इस मेडिकल कॉलेज के बनने से फरीदाबाद में तीन मेडिकल कॉलेज हो गए हैं, इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने परिसर में नवनिर्मित ऑडिटोरियम का भी उद्धघाटन किया। इस ऑडिटोरियम में लगभग 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
होम्योपैथी और आयुर्वेदिक पद्धति को भी महत्त्व जरूरीः
सेमिनार में मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी हमें आगे बढ़ना होगा। एलोपैथी के साथ होम्योपैथी एवं आयुर्वेदिक पद्धति को भी महत्त्व देना ज़रूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण पूरी दुनिया में योग पद्धति को अलग पहचान मिली है। हरियाणा सरकार ने भी आयुर्वेदिक पद्धति के महत्व को ध्यान में रखते हुए कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की है। केंद्र सरकार के सहयोग से कुरुक्षेत्र में 250 एकड़ में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना भी की जा रही है। प्रदेश में 700 वेलनेस सेंटर पर काम चल रहा है। इसके अलावा एक हजार पार्क व व्यायामशाला तैयार की जा रहीं है। उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने डिजिटल शिक्षा फॉर एडवांस्ड क्लिनिकल कैपेसिटी लर्निंग (दिशा) और वी आर विद यू (हम आपके साथ हैं) नामक दो नए प्लेटफार्म भी जारी किए।
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