चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि वेदों, पुराणों, ग्रंथों में महिलाओं को श्रेष्ठ के रूप में देखा गया। महिला के नाम के बाद ही पुरुष के नाम को जोड़ा गया और सीता राम और राधे श्याम कहकर बोला जाता है। यही हमारी संस्कृति है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिलाओं को सम्मानित करने के दौरान बोल रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं और विशेष तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में वो लड़कों से आगे निकल रही हैं। महेन्द्रगढ़ के विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में 24 में से 18 मैडल लड़कियों ने प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि बड़े गौरव की बात है कि आज हमारे बीच में द्रौपदी मुर्मू एक महिला राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रही हैं, जिन्होंने बहुत ही संघर्ष में और प्रेरणादायी जीवन जीया है।
उन्होंने कामकाजी महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे शुरुआत भले ही छोटे पद से कर सकती हैं परंतु वहां रुकना नहीं है। अपितु अपनी शिक्षा को बढ़ाना है आगे और पढकऱ बड़े पदों पर जाना है। इस बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बेहतर मिशाल नहीं मिल सकती। राज्यपाल ने महिलाओं के साथ संवाद भी किया और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं से बातचीत करते हुए विचार साझा किए और जीवन में उन्नति के मार्ग की राह प्रशस्त की।
उन्होंने महिलाओं को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष परीशा शर्मा, बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रंजीता मेहता, डॉ. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति डा. अर्चना मिश्रा सहित समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएं उपस्थित रही।
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