चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज राज्य के कर्मियों को प्रोत्साहित करने, नागरिकों को डिजीटल सुविधा देने व वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की, ताकि कर्मी सुधार की आवश्कता के अनुसार अपने सुझाव दें सकें तथा इन सुझावों को प्राप्त करने के लिए जल्द ही एक वेबसाइट भी शुरू की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य के कर्मचारियों के क्षमता निर्माण के लिए हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के माध्यम से एक रिर्फेसिंग कोर्स भी आयोजित करवाया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं आज यहां गुरूग्राम में आयोजित राज्य स्तरीय सुशासन दिवस कार्यक्रम के दौरान की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न योजनाओं की शुरूआत भी की।
उन्होंने राज्य के कर्मियों को प्रोत्साहित करने केे लिए अनूठी पहल करते हुए सर्वश्रेष्ठ कर्मियों को पुरस्कृत करने की घोषणा की, जिसके तहत राज्य स्तर पर, जिला स्तर व विभागीय स्तर पर प्रथम, द्धितीय व तृतीय श्रेणी के कर्मियों को पुरस्कार अगले 25 दिसंबर, 2020 को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से इन तीन श्रेणियों के तहत लगभग 500 सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों को पुरस्कार दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य के नागरिकों को इलेक्ट्राॅनिक रूप से डिजीटल लॉकर सुविधा देने की भी शुरूआत की और बताया डिजीटल लॉकर सुविधा के तहत कोई भी नागरिक अपने दस्तावेज लॉकर में डिजीटल के रूप में रख सकता है और उसका उपयोग कहीं भी कर सकता है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाने की भी घोषणा की। उन्होंने उपस्थित कर्मियों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि कोई भी कर्मी सुधार की दृष्टि या व्यवस्था परिवर्तन की दृष्टि से अपने सुझाव सरकार या अपने वरिष्ठतम अधिकारियों को दे सकता है और इसके लिए जल्द ही सुशासन से संबंधित वेबसाइट भी शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आज रिमोर्ट कंट्रोल से 5 योजनाओं व परियोजनाओं की भी शुरूआत की जिनमें 22 जिलों की वेबसाइट का शुभारंभ किया गया है। ये सभी जिलों की बेवसाइट सुरक्षित और सुगम्य होंगी तथा द्विभाषीय होगी जिसमें अंग्रेजी और हिन्दी भाषा का प्रयोग किया जा सकता हैं।
इसी प्रकार, 91 तहसीलों के लिए बैव-हैलरिस की शुरूआत की गई। यह प्रोग्राम डीड रजिस्ट्रेशन और भूमि रिकार्ड प्रबंधन के लिए एकीकृत प्रोग्राम है। इस पोर्टल पर डीड रजिस्ट्रेशन, इंतकाल, जमाबंदी, खसरा गिरदावरी, राईटस के रिकार्ड की काॅपी जारी करने के लिए तैयार किया गया हैं। इस प्रणाली को ई-स्टांपिंग के लिए ई-ग्रास, एनओसी जांच, पैन नंबर की आनलाईन जांच, एचएसवीपी और एचएसआईआईडीसी के साथ एकीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने करनाल के सिरसी गांव को लाल डोरा मुक्त करते हुए डिजीटल मैप का उदघाटन किया। डिजीटल मैप तैयार करने के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ हरियाणा सरकार ने एक संयुक्त परियोजना पर काम करने का निर्णय लिया हैं इसके लिए राज्य सरकार ने सर्वे आफ इंडिया के साथ समझौता किया है जिसके तहत ग्रामीण, शहरी, कंट्रोल्ड और आबादी देह क्षेत्रों की बडे स्तर पर मैपिंग की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने आज लोकायुक्त पोर्टल की भी शुरुआत की। इस पोर्टल पर लोगों की शिकायतें ली जाएगी। इसके अलावा पोर्टल पर शिकायतों को मार्किंग, शिकायतों की जांच, निपटान, शिकायत का अंतिम निर्णय, रोजाना की सूची, पुराने मामले व निपटान हुए मामलों की जानकारी के साथ साथ निगरानी रिपोर्ट भी होगी। मनोहर लाल ने आज सरल व अंतोदय पोर्टल में 42 नई सेवाएं जोड़ने की शुरुआत की। अब सरल व अंतोदय पोर्टल पर 527 सेवाएं नागरिकों को मुहैया करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि कर्मियों की क्षमता निर्माण किस प्रकार से बढ़ाई जाए, राज्य सरकार इस ओर भी कार्य कर रही हैं और जल्द ही हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान के माध्यम से कर्मियों को रिर्फेसिंग कोर्स करवाएं जाएंगें ताकि उनकी क्षमता की बढ़ोतरी हो सकें। इसके लिए हिपा के अधिकारियों ने समय-सारिणी बनाने का काम शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने विकेन्द्रीकरण की थ्योरी पर काम किया है और इसी कड़ी में हरियाणा देश का पहला राज्य हैं जहां पर पढ़ी लिखी पंचायतों को लोगों द्वारा चुना गया है। हालांकि लोग सुप्रीम कोर्ट भी में इस निर्णय के विरूद्ध चले गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को सराहा। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज में भी अंर्तजिला परिषद की शक्तियों और स्रोतों को बढ़ाने का काम किया है, एक प्रकार से उनकी जिम्मेदारी बढ़ाई है और क्षमता निर्माण का काम किया है।
इसी प्रकार, ग्रुप बी और सी की नौकरियों में साक्षात्कार की प्रणाली को वर्तमान राज्य सरकार ने समाप्त करने का काम किया है तथा ग्रुप-डी की नौकरी में प्रदेश के गरीब से गरीब व्यक्ति के बच्चे को बिना सिफारिश के नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि तृतीय श्रेणी के कर्मियों में से एचसीएस के चयन के लिए भी टेस्ट को आयोजित करवाया गया और जो टेस्ट में उत्तीर्ण हुआ, उसे ही एचसीएस नियुक्त किया गया। हाल ही में 166 एचसीएस को भी बिना सिफारिश के चुना गया है।
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