-कुपोषण खत्म करने के रोडमैप पर एडीसी, डीपीओ को दिए गए दिशा-निर्देश
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चण्डीगढ़। देश के नौनिहालों को कुपोषण से बचाकर उनके बचपन को मजबूत बनाने के लिए देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में निर्धारित किए गए मापदंडों को हरियाणा में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग ने कमर कस ली है। वीरवार को विभाग द्वारा सभी जिलों के अतिरिक्त उपायुक्तों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
पंचकूला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन सक्षम आंगनवाडी और पोषण 2.0 पर राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिलों से आए अतिरिक्त उपायुक्त, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, पोषण अभियान से जुड़े कर्मचारियों के साथ सीधा संवाद किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार ने बताया कि कुपोषण की खाई को पाटने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यालय स्तर पर पोषण निगरानी हब स्थापित करेगा। प्रदेश, जिला व खंड स्तर के अधिकारी चिन्हित क्षेत्रों के दौरे करते हुए लक्ष्यों के अनुरूप काम करेंगे। आंगनवाडी कार्यकर्ता से लेकर सुपरवाइजरों को पोषण के संदर्भ में क्षमता निर्माण ऑनलाइन सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसकी जिला स्तर पर अतिरिक्त उपायुक्त व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निगरानी करेंगे।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे पोषण निगरानी हब पोषण ट्रैकर से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कुपोषण के शिकार बच्चों, महिलाओं को चिन्हित करेंगे। इसके बाद कुपोषण महिलाओं, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर लाभार्थी के घर तक निगरानी करना सुनिश्चित किया जाएगा। यही नहीं योजनाबद्ध तरीके से गांव की साफ-सफाई, पोषण दिवस से लेकर समुदाय आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार, प्रदेश, जिला से लेकर खंड स्तर के अधिकारी लक्ष्य आधारित फील्ड विजिट करेंगे, जो अलग-अलग आंगनवाडी केंद्रों के लाभार्थियों से मुलाकात करते हुए उनके पोषण स्तर में हो रही बढोतरी की वास्तविकता को जानेंगे और जरूरी दिशा-निर्देश देंगे। इस पूरी प्रक्रिया की दैनिक और साप्ताहिक आधार पर समीक्षा बैठक तीन स्तर पर की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक ने कहा कि राज्यस्तरीय कार्यशाला के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए रोडमैप मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि 9 लाख 18 हजार बच्चों, 2 लाख 77 हजार गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं में कुपोषण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त निदेशक राजबाला कटारिया, संयुक्त निदेशक पूनम रमन सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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