चण्डीगढ़। हरियाणा से
गुजरने वाली पौराणिक और लुप्त हो चुकी वैदिक कालीन प्राचीन नदी ‘सरस्वती’
के जीर्णोद्धार व अनुसंधान की दिशा में ओएनजीसी सहायता देगा। इसके लिए धरती
के भीतर ‘सरस्वती’ नदी के प्रवाह मार्ग पर 100 पाताल तोड़ कुएं खोदे
जाएंगे। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की एंजेसी वैपकॉस इस योजना में
सलाहकार के रूप में कार्य करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी आज नई दिल्ली में हरियाणा
के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य
मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में हरियाणा सरस्वती धरोहर बोर्ड और
तेल व प्राकृतिक गैस निगम (ओ एन जी सी) के मध्य एमओए(समझौता का ज्ञापन)पर
हस्ताक्षर के दौरान दी गई। एमओए हस्ताक्षरित किए जाने पर हरियाणा के
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।
वैपकॉस
द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा और ओ एन जी सी प्रारंभ में सरस्वती नदी के
प्रवाह मार्ग पर दस कुंए ड्रिल करेगा। केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक
गैस राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि ओ एन जी सी द्वारा सरस्वती
नदी पर बनाए जाने वाले कुओं की संख्या 100 तक बढाई जाएगी। केंद्रीय राज्य
मंत्री ने सांस्कृतिक संरक्षण व पोषण के अतिरिक्त सरस्वती नदी के
जीर्णोद्धार के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा
की।
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