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बीजेपी-जेजेपी के साढ़े 9 साल में क्यों नहीं आया प्रदेश में एक भी बड़ा संस्थान : दीपेंद्र हुड्डा

Why has not a single big institute come up in the state in 9 and a half years of BJP-JJP: Deependra Hooda - Chandigarh News in Hindi

चंडीगढ़। हरियाणा में स्थापित राष्ट्रीय स्तर के जिन शिक्षण संस्थानों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गर्व महसूस कर रहे हैं, उन्हें प्रदेश में लाने का काम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किया था। इसलिए मुख्यमंत्री को बताना चाहिए हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने में कांग्रेस सरकार का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। दीपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री द्वारा हिसार में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। अपने बयान में मुख्यमंत्री हरियाणा में बने आईआईएम, आईआईटी, एनआईडी जैसे संस्थाओं का जिक्र कर रहे थे। हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को उदारतापूर्वक इन संस्थाओं के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का धन्यवाद करने में कंजूसी नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि हरियाणा में आईआईटी दिल्ली एक्सटेंशन कैंपस की स्थापना 21 दिसंबर 2013, आईआईएम रोहतक की स्थापना 1 अक्टूबर 2010 और केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान(सिपेट) का उद्घाटन 11 मई 2013 को हुआ था। इसी तरह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन कुरुक्षेत्र की स्थापना 22 मई 2013 को हुई थी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी पंचकूला को जुलाई 2012 में टेक्सटाइल मंत्रालय से मंजूरी के बाद 11 अप्रैल 2013 को इसके लिए एमओयू साइन हो गया था। इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बना था जहां AIIMS, IIT,IIIT, IIM, NID, IHM, NIFT, NIFD, FDDI, NIFTEM, IICA, NCI,टूल रूम, GCNEP, CIPET जैसे डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय संस्थान स्थापित हुए। लेकिन प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद आज तक एक भी ऐसा कोई संस्थान प्रदेश में नहीं आया।
कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 12 नए सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित हुए। लेकिन कोई नया विश्वविद्यालय प्रदेश को देने की बजाए बीजेपी-जेजेपी सरकार ने पहले से स्थापित विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता के साथ खिलवाड़ किया। सरकार ने एचपीएससी के जरिए विश्वविद्यालयों में भर्तियां करने का नया तानाशाही फरमान जारी किया, वो भी उस समय जब एचपीएससी की भर्तियों में लगातार घोटाले उजागर हो रहे थे। खुद कमीशन के डिप्टी सेक्रेटरी लाखों रुपये के साथ दफ्तर में रंगे हाथ पकड़े गए थे। सरकार ने तो विश्वविद्यालयों को फंड देने से भी इंकार कर दिया था। कर्मचारियों व विपक्षी दवाब के बाद उसको अपना तानाशाही फैसला बदलना पड़ा।
इसी तरह मौजूदा सरकार ने स्कूल शिक्षा तंत्र का भी भट्ठा बैठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मर्जर के नाम पर 5000 स्कूलों को बंद और करीब 25000 टीचर्स के पदों को खत्म कर दिया। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि मौजूदा सरकार कांग्रेस कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में हुए कामों का बखान कर रही है। यह देखकर अच्छा लगता है लेकिन यह देखकर दुख भी होता है कि सरकार शिक्षा तंत्र को और बेहतर बनाने की बजाए उसे बर्बाद करने में जुटी है।

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Web Title-Why has not a single big institute come up in the state in 9 and a half years of BJP-JJP: Deependra Hooda
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