चंडीगढ़। भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा आम चुनाव -2019 लड़ने वाले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं (डूज एंड डॉन्ट) इसके दिशा-निर्देश जारी किए है। इन दिशा-निर्देशों का चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने अनुपालन किया जाना आवश्यक है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रजीत ने कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से आग्रह है कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन करें और चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने में पूरा सहयोग दें।
राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावों के दौरान क्या करना चाहिए इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सभी दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को सार्वजनिक स्थानों जैसे कि मैदान और हेलीपैड निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान, अन्य राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों तक ही सीमित रहनी चाहिए। इसके अलावा, शांतिपूर्ण और अविवेकपूर्ण घरेलू जीवन के लिए प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार की पूरी तरह से रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों को पूरी तरह से सूचित किया जाना चाहिए और प्रस्तावित बैठक के समय और स्थान की आवश्यक अनुमति समय रहते सही तरह से ली जानी चाहिए।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित बैठक के स्थान पर यदि कोई प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू है तो उन आदेषों का सम्मान किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, प्रस्तावित बैठकों के लिए लाउडस्पीकर या ऐसी किसी अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए और बैठकों में गड़बड़ी या अव्यवस्था पैदा करने वाले व्यक्तियों से निपटने में पुलिस सहायता प्राप्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी जुलूस को शुरू करने और समाप्त करने के समय और स्थान तथा मार्ग को एडवांस में फाइनल करना चाहिए और पुलिस अधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जुलूस का मार्ग यातायात को बाधित नहीं करना चाहिए।
डॉ. इन्द्रजीत ने बताया कि शांतिपूर्ण और व्यवस्थित मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी चुनाव अधिकारियों को सहयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चुनाव में लगे सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बैच या पहचान पत्र दिखाना होगा। मतदाताओं को जारी अनौपचारिक पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर होनी चाहिए और जिस पर पार्टी का कोई नाम और निषान या उम्मीदवार का नाम नहीं होगा। इसके अलावा, अभियान की अवधि के दौरान और मतदान के दिन वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। चुनाव के संचालन के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या समस्या को निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक, रिटर्निंग अधिकारी, जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट, मुख्य निर्वाचन अधिकारी या भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चुनाव के विभिन्न पहलुओं से संबंधित सभी मामलों में निर्वाचन आयोग या रिटर्निंग ऑफिसर या जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश या दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए।
चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को क्या नहीं करना चाहिए, इसकी जानकारी देते हुए डॉ.इंद्रजीत ने बताया कि किसी भी आधिकारिक काम को चुनाव प्रचार या चुनावी गतिविधियों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए और वित्तीय या अन्य किसी प्रकार का कोई प्रलोभन मतदाता को पेष नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मतदाताओं की जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जानी चाहिए और न ही कोई गतिविधि जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक और भाषाई समूहों के बीच आपसी द्वेष पैदा करती है या तनाव पैदा करती है।
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