उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि 'हमें युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए' का वे समर्थन करते हैं लेकिन शांति स्थापित करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र से गीता का संदेश देकर वीर अर्जुन को युद्ध के लिए तैयार किया ताकि अन्याय को समाप्त किया जा सके। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द को याद करते हुए कहा कि उनका बच्चपन का नाम नरेन्द्र दत्त था। हमें ऐसे अनेक नरेन्द्र दत्त चाहिए। उन्होंने कहा कि एकता में अदभुत शक्ति होती है इसलिए काला आम्ब पर्यटक स्थल से जुड़े सभी संगठन एक साथ संगठित होकर आज संकल्प लें कि वे प्रतिवर्ष 14 जनवरी को ही काला आम्ब पर्यटक स्थल पर शौर्य दिवस समारोह आयोजित किया करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समारोह की विशेषता यह है कि इसमें भारत के अधिकतर प्रदेशों के देशभक्तों ने भाग लिया वहीं नेपाल के नागरिकों ने भी भाग लेकर इस समारोह के महत्व को बढ़ाया।
इस अवसर पर नेपाल की इन्द्रा थापा, डॉ. होमराजन, उत्तराखण्ड के मराठा लक्ष्मन, उत्तरप्रदेश के मराठा धीरेन्द्र, राजस्थान के घनश्याम होलकर, मध्यप्रदेश के मराठा अरूण साबले पाटिल, महाराष्ट्र से मराठा मिलिंद पाटिल, छत्तीसगढ़ से मराठा आनंद महाडीक, आंध्रप्रदेश से मराठा शंकर राव जाधव, कर्नाटक से मराठा यशवंत राव सूर्यवंशी, गोवा से राजाराम पाटिल और पंजाब से जगदीश हसबे मौजूद रहे।
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