चंडीगढ़। हरियाणा के पानीपत जिले में प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र काला आम्ब के परिसर में आज शौर्य दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल रहे। करनाल के सांसद संजय भाटिया तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे तथा हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन एवं विधायक रणधीर गोलन, विधायक हरविन्द्र कल्याण, पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा अतिविशिष्ठ अतिथि के रूप में तथा नागपुर के राजा मुधोजी राजे भौंसले, नवाब शादाब बहादुर, मराठा जागृति मंच नेपाल की अध्यक्ष इन्द्रा थापा व डॉ. वशंत राव केशव मोरे, विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रही। समारोह की अध्यक्षता विरेन्द्र मराठा ने की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समारोह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री के ध्वजारोहण व 9 वीर मराठा योद्धाओं के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद वन्दे मातरम व भारत माता की जय के साथ हुआ। सांसद संजय भाटिया ने पानीपत पंहुचने पर मुख्य अतिथि व दूसरे प्रदेशों से आए लोगों का स्वागत किया तथा युद्ध स्मारक समिति के राकेश ने सभी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा प्राचीनकाल से ही शांति भारत की धरोहर रही है। सभी लोग शांति चाहते हैं लेकिन शक्ति शांति का आधार होती है और भारत ने संसार को परिवार माना है और भगवान बुद्ध ने शांति का संदेश भी इसी देश की भूमि से दिया है, लेकिन शक्ति के बिना शांति सम्भव नहीं। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण व वीर शिवाजी मराठा ने शक्ति के सिद्धांत को अपनाया था। उन्होंने कहा कि अनेक प्रकार की सभाएं होती हैं और धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक समारेाह भी आयोजन किए जाते हैं लेकिन जहां देशभक्ति व राष्ट्रवाद की बात हो तो हमें सभी संकीर्णताओं से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति है। भारतीय संस्कृति की मान्यताओं को बचाने के लिए ही हमारे देशभक्त वीर योद्धाओं ने अनेक लड़ाइयां लड़ी ताकि समाज से अत्याचार को मिटाया जा सके। वीरों ने कुर्बानियां देकर मुगलों से देश को आजाद करवाया लेकिन फिर से अंग्रेजों के गुलाम हो गए और हमने लाखों कुर्बानियां दी और महाराष्ट्र के प्रत्येक परिवार से कम से एक व्यक्ति ने अपना बलिदान दिया और आज भावी पीढ़ी अपने इन सभी पूर्वजों पर गर्व करती है। भविष्य में भी हमारी पीढ़ियां गर्व करें इसलिए समय-समय पर ऐसे समारोह का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे समाज व देश को सर्वोपरि मानते थे। उन्होंने ज्ञान और खेल को अध्यात्मवाद से जोड़ा और युवा उत्थान की चासनी का मंत्र दिया। यहां पर च-से चरित्र, स-से संकल्प तथा न-से निडरता का संदेश युवाओं को दिया। उन्होंने युवाओं को लक्ष्य निर्धारित शिक्षा ग्रहण करने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि युवाओं को ऊंच-नीच, छूआछूत,जातिवाद से ऊपर उठकर अध्यात्मवाद और देशभक्ति के साथ राष्ट्र निर्माण में पूर्ण सहयोग देने का मार्ग दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है और जिस राष्ट्र के युवा चरित्रवान होंगे। वह राष्ट्र निश्चित रूप से समृद्ध राष्ट्र बनेगा तब ही वीर मराठा शिवाजी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना साकार होगा।
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