चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश में बेरोजगारी की दर पहले से घटी है। फरवरी-2023 में रोजगार कार्यालय में दर्ज आवेदकों की संख्या 6.46 लाख है, जबकि दिसंबर 2014 में यह संख्या 7.86 लाख थी। प्रदेश में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए सरकार ने अथक प्रयास किए हैं। सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में बेरोजगारी से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहाकि समय-समय पर सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) करवाया जाता है। पीएलएफएस की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 2017-18 में बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत, 2018-19 में 9.2 प्रतिशत, 2019-20 में 6.5 प्रतिशत, 2020-21 में 6.3 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक भी हर साल इस प्रकार के आंकड़े जारी करता है।
आरबीआई के अनुसार बेरोजगारी दर 8.1 प्रतिशत है। हालांकि, इन आंकड़े का कोई तय फार्मुला नहीं होता। इसलिए विभिन्न एजेंसियों के आंकड़े भी अलग-अलग होते हैं।
मनोहरलाल ने कहा कि वर्ष 2005- 2014 तक 10 वर्षों में 86 हजार सरकारी नौकरियों दी गई। जबकि हमने 8 सालों में 1 लाख 1 हजार से अधिक नौकरियां दी।
इसके अलावा, सक्षम युवा योजना के तहत भी स्नातकोत्तर, स्नातक तथा बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 100 घंटे काम के बदले क्रमशः 3000 रुपए, 1500 रुपए और 900 रुपए मासिक दिए जाते हैं। अब तक इस योजना में 1.75 लाख युवाओं ने लाभ उठाया है। इतना ही नहीं, हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत 1 लाख से अधिक युवाओं का कौशल विकास करके भी उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में भी 2015 के बाद 12.64 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
लगातार बदलते हैं सीएमआईई के आंकड़ेः
सीएमआईई एजेंसी द्वारा समय-समय पर जारी बेरोजगारी के आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने कहाकि सीएमआईई मात्र 5 हजार जनसंख्या का सर्वे कर बेरोजगारी दर जारी करती है। यह निजी संस्था है और निजी संस्था द्वारा जारी इस प्रकार के आंकड़ों का कोई औचित्य नहीं है। इस संस्था के सीईओ कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र के सदस्य भी हैं। वर्ष 2017 में इस एजेंसी ने हरियाणा की बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत दिखाई थी। इसके बाद कभी 34 तो कभी 26 प्रतिशत बताते हैं। जिसका कोई आधार नहीं है।
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हर व्यक्ति का डाटा सरकार के पास है और स्वयं सत्यापित आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 10.46 लाख है। हालांकि समाज का एक वर्ग ऐसा होता है, जो बेरोजगार नहीं होता। बल्कि वास्तव में वह अंडर एम्पलॉयिड होता है। तो वह भी आगे बढ़ने के लिए रोजगार के अन्य अवसर तलाशता है।
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