चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने गर्मियों को देखते हुए प्रदेश में बिजली, पेयजल, सिंचाई के लिए पानी की निर्बाध आपूर्ति समेत स्वास्थ्य संबंधी तैयारियां शुरू कर दी हैं। ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने वरिष्ठ अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कौशल ने कहाकि तापमान में वृद्धि को देखते हुए बिजली, पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति के लिए सभी विभाग पूरी तैयारी रखें। हीट वेब के कारण होने वाली बीमारियों के बचाव के लिए भी स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद रहे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कौशल ने कहाकि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता पीने के पानी की है। तत्पश्चात सिंचाई के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसलिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी पानी की उपलब्धता एवं उचित उपयोग सुनिश्चित करें।
उन्होंने जिला उपायुक्तों से कहाकि पानी की चोरी को रोकना बड़ी चुनौती है। इसलिए वे अपने क्षेत्रों में पानी की चोरी की घटनाओं पर निगरानी रखें। यदि ऐसी कोई घटना घटित होती है, तो तुरंत उस पर कार्रवाई करें। सभी जिला उपायुक्त हर 15 दिन में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करें, ताकि जिले में पानी की उपलब्धता की वास्तविक स्थिति का पता लग सके। हीट वेब और हीट स्ट्रोक से नागरिकों के बचाव के लिए व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए।
गर्मी में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के मद्देनजर फायर ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए। कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि हीट वेव के चलते गेहूं या अन्य कोई सीज़नल फसल खराब न हो। इसके लिए लगातार निगरानी रखें। आवश्यक जानकारियों सहित समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जाए।
पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगीः
पीके दास
बिजली निगमों के चेयरमैन पी के दास ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। मांग के अनुसार बिजली की आपूर्ति की जा रही है। गर्मी के दौरान मई, जून और जुलाई में बिजली की अतिरिक्त मांग पूरी करने लिए व्यवस्था कर ली गई है। रबी सीजन के दौरान किसानों को 2 घंटे अतिरिक्त बिजली दी जा रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े मौसम विशेषज्ञों ने जानकारी दी कि पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिनों में बहुत ज्यादा तापमान बढ़ने की संभावना नहीं है।
धान की सीधी बिजाई तकनीक को बढ़ावा दे रही सरकारः
मुख्य सचिव ने कहाकि सरकार धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) को बढ़ावा दे रही है। डीएसआर तकनीक से करीब 30 फीसदी पानी की बचत होती है। किसानों को 72000 एकड़ जमीन पर डीएसआर अपनाने के लिए 4000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 38 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। सीजन के दौरान राज्य सरकार ने 80 करोड़ रुपए व्यय करने के साथ डीएसआर के तहत 2 लाख एकड़ का लक्ष्य रखा है। सरकार मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए हरी खाद (ढैंचा) को भी बढ़ावा दे रही है।
तापमान से गेहूं की फसल के बचाव के लिए सलाहः
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गर्मी में दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है। औसत 22 डिग्री सेल्सियस तापमान गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है। 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचाव के लिए किसान फव्वारा सिंचाई के माध्यम से तापमान बढ़ने पर आधा घंटा फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि पानी के चैनलों की डी-सिल्टिंग और रखरखाव, वाटर वर्क टैंक की क्षमता में वृद्धि और गांव में तालाबों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। पानी की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
UPSC टीचर अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल,केजरीवाल-सिसोदिया ने दिलाई सदस्यता
किसानों का दिल्ली कूच : बॉर्डर पर हो रही है चेकिंग, लगा हुआ है लंबा जाम, बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद
एक्टर विक्रांत मैसी ने किया एक्टिंग से संन्यास लेने का ऐलान
Daily Horoscope