चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा सामुदायिक भागीदारी और सार्वजनिक सेवाएं सामाजिक आडिट अधिनियम, 2018 के मसौदे को मंजूरी दे दी है जिसके तहत गांवों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गांव स्तरीय समिति गठित की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस संबंध में जानकारी देते हुए विकास एवं पंचायत विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार, गांव के स्तर तक विकास कार्यों के सामाजिक लेखापरीक्षा से पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए विकास गतिविधियों में ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
ग्राम स्तरीय समिति में सिविल सोसायटी संगठन, गांव संस्थानों और श्रमिकों और वंचित समूहों के संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल दस गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि इनमें भूतपूर्व सैनिक, सेवानिवृत्त शिक्षक, सेवानिवृत्त अभियंता, गांव के उच्च शिक्षित व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता, उपायुक्त द्वारा मनोनीत दो सदस्य (एक महिला और एक अनुसूचित जाति), ग्रामीण विकास के लिये के एक तरूण (ग्रवित) योजना का एकप्रमुख स्वयंसेवक और संबंधित योजना के दो लाभार्थी शामिल होगें। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कम से कम तीन महिला सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा।
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