चंडीगढ़ । हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने शिक्षाविदों और अध्यापकों का आहवान किया कि वह विद्यार्थियों को एकेडमिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढाएं, ताकि विद्यार्थी माता-पिता, गुरुजनों, मातृभाषा व मातृभूमि का आदर करें, जिससे देश को फिर से विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त होगा। आर्य सोमवार को राजभवन में चैधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रो. आर.के.मित्तल से बात कर विश्वविद्यालयों की गतिविधियों की जानकारी ले रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय अपने एकैडमिक कोर्सो के पाठय-क्रम के साथ-साथ विद्यार्थियों की अभिरूचि अनुसार स्कील-डेवलपमैंट के विषय भी जोडें ताकि विद्यार्थियों को डिग्री प्राप्त करने के बाद बेरोजगारी जैसी समस्या का सामना न करना पडे़। उन्होने कहा कि शिक्षण संस्थाएं गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ जाॅब आॅरिऐंटिड पाठ्यकर्मो पर फोकस करें, जिससे विद्याथियों को शिक्षण संस्थाओं से निकलने के बाद आसानी से रोजगार मिल सके।
आर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय लडकियों की शिक्षा पर बल दें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान पूरी तरह सफल हो। उन्होनें कहा कि राज्य सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर हरियाणा ने पिछले चार साल में लडकियों के लिए 29 महाविद्यालय खोले है और स्नातक स्तर तक राजकीय महाविद्यालयों तथा सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में लडकियों के लिए ट्यूशन फीम पूरी माफ की गई है।
उन्होनें कहा कि आज खेलों में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है। खेलों को युवाओं ने एक कैरियर के रूप में लिया है। सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय खेलों से सम्बन्धित ढांचागत सुविधाएं विद्यार्थियों को मुहैया करवाएं। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार मदर टेरेसा हरियाणा साकेत कांउसिल, चण्डी मंदिर के निदेशक डा0 आर.एस. पुनिया ने भी राज्यपाल श्री आर्य से मुलाकात कर अपनी संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया।
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