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चंडीगढ़। सतलुज-यमुना जोड़ (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर पंजाब के रुख को लेकर हरियाणा नाराज है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में हरियाणा के हक में फैसला सुना चुका है, लेकिन इस फैसले को सिरे चढ़ाने में पंजाब की ओर से किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।
पंजाब के असहयोगात्मक रूख से आहत के हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है, 'हमारी विनम्रता को पंजाब हल्के में न ले।' हरियाणा ने पंजाब के नकारात्मक रुख के बारे में सुप्रीम कोर्ट को अवगत करा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला सुनाते हुए कहा था कि नहर निर्माण के बाद उसे उसके हिस्से का पानी दे दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर नहर नहीं बनती तो केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों राज्यों को आपस में मिल बैठ कर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कह चुके हैैं, लेकिन लगता है कि पंजाब का रुख किसी सूरत में बदलने वाला नहीं है। लिहाजा, हरियाणा अब पंजाब के साथ आर-पार की लड़ाई लडऩे को तैयार हो गया है। इस कड़ी में खट्टर ने अपने अधिकारियों के साथ एसवाईएल के मुद्दे पर गहन मंत्रणा कर अगली रणनीति तैयार कर ली है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में तीन जनवरी को अंतिम फैसला सुना सकता है।
मनोहर लाल का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट हरियाणा के हक में निर्णय दे चुका है तो फिर पंजाब की तरफ से कोई न कोई बहाना बना कर इस नहर का निर्माण टालने की कोशिशें क्यों की जा रही हैं? यहां यह बता दें कि हरियाणा और पंजाब के बीच जोड़ नहर के निर्माण और पानी के बंटवारे के मुद्दे को लेकर पिछले 53 साल से विवाद जारी है।
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