चंडीगढ़ । हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च अकाउंट का रखरखाव करना होगा और चुनाव परिणाम घोषित होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर राज्य चुनाव आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी या उपायुक्त को जमा कराना होगा। ऐसा करने में असफल रहने वाले उम्मीदवार हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 8 ई और हरियाणा नगर निगम चुनाव व्यय (अकाउंटस रखरखाव और अकाउंटस जमा कराना), आदेश, 2018 के तहत पांच साल तक चुनाव के अयोग्य घोषित किए जाने के लिए स्वयं उत्तरदायी होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने हरियाणा में 22 नवंबर, 2018 को 5 नगर निगमों और 2 नगर पालिकाओं में आम चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की है। इन नगर निगमों में मतदान 16 दिसंबर, 2018 को आयोजित किया जाएगा। हिसार, रोहतक, यमुना नगर, पानीपत और करनाल सहित 5 नगर निगमों के मेयर और सभी वार्डों के सदस्यों की सीटों के साथ-साथ दो नगरपालिकाओं, जाखल मंडी (फतेहाबाद) और पुंडरी (कैथल) के लिए 16 दिसंबर, 2018 को आम चुनाव आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहली बार, निगमों के योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके सीधे अपने मेयर का चुनाव करेंगे जबकि इससे पूर्व मेयर का चुनाव निगम के निर्वाचित सदस्यों द्वारा स्वयं के बीच से ही किया जाता था। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी या डिप्टी कमिश्नर चुनाव खर्चों के अकाउंटस का निरीक्षण करेंगे और चुनाव खर्च का विवरण जमा करने वाले और जमा न कराने वाले उम्मीदवारों की सूची 30 दिनों की निर्धारित समय सीमा पूरी होने पर सात दिनों के भीतर आयोग को भेजेंगे।
उन्होंने कहा कि यदि वे चुनाव खर्च के अकाउंटस का रखरखाव करने में और निर्धारित समय सीमा के भीतर इसे जमा कराने में असफल रहते हैं तो आयोग नगर संस्थानों के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के प्रति सख्त रूख अपनाएगा। आयोग ने इस समय हिसार, रोहतक, यमुना नगर, पानीपत और करनाल के नगर निगमों के 531 ऐसे डिफॉल्टर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मेयर का चुनाव लड़ने के लिए खर्च सीमा 20 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है, जबकि नगर निगम के सदस्य के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये और नगर पालिका के सदस्य के लिए 2 लाख रुपये है। सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का रखरखाव करना होगा और चुनाव परिणाम घोषित होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसे उपायुक्त या राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को जमा कराना होगा। ऐसा न कर पाने पर दोषी उम्मीदवार पांच साल तक की अवधि के लिए अयोग्य किए जाने के लिए स्वयं उत्तरदायी होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे 531 डिफॉल्टर उम्मीदवारों को आयोग द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जो वर्ष 2013 में हुए पिछले चुनाव के दौरान अपना चुनाव खर्च विवरण जमा कराने में असफल रहे थे। इसमें नगर निगम हिसार के 113 उम्मीदवार, नगर निगम करनाल के 128 उम्मीदवार, नगर निगम पानीपत के 95 उम्मीदवार, नगरनिगम रोहतक के 100 उम्मीदवार तथा नगर निगम यमुनानगर के 95 उम्मीदवार शामिल हैं।
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