चंडीगढ़। अगर दरवाजे पर दस्तक के बाद कोई वर्दीधारी दरवाजे के पीछे खड़ा पाया जाए... तो यह सिर्फ दस्तक का मामला नहीं है; यह चिंता का विषय है। कुछ ऐसा ही सिरसा में हुआ, जब एनएसजी की दस्तक ने एक बार फिर डेरा सच्चा सौदा के सन्नाटे को भंग कर दिया।
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शांति के पीछे तूफान? दीवारों के पार हलचल
18 जून की दोपहर जब सिरसा में गर्मी अपने चरम पर थी, तब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की तीन सदस्यीय टीम डेरा सच्चा सौदा की ओर बढ़ी। काम के लिए सिर्फ कैमरे और आंखें साथ लाई गईं; न कोई शोर, न कोई प्रचार। एनएसजी टीम का एक साफ मकसद था: सुरक्षा समीक्षा। लेकिन सवाल उठता है: अचानक यह सुरक्षा ऑडिट क्यों?
वीडियोग्राफी के पीछे
'वीडियो' नैरेटिवटीम मानेसर की स्पेशल रेंजर्स यूनिट की थी। देश की सबसे बेहतरीन सुरक्षा जांच यही करते हैं। सिरसा के डीसी शांतनु शर्मा को पत्र भेजकर बताया गया कि दो दिन तक डेरा की सुरक्षा की जांच की जाएगी। डीसी ने डेरा प्रशासन को लिखा- नक्शे, रूपरेखा और मदद मुहैया कराएं। इसके बाद एनएसजी पहुंची। कशिश रेस्टोरेंट से लेकर डेरा के मुख्य गेट तक सुरक्षा में लगे अनुयायियों की जांच की प्रक्रिया शुरू हुई। हर प्वाइंट पर कैमरा चलाया गया। अंदर जाने के बाद वीडियोग्राफी भी कराई गई। इनके साथ डेरा के पूर्व चेयरमैन डॉ. पीआर नैन, मैनेजर दान सिंह और सुरक्षा सलाहकार प्रीत सिंह भी थे।
या फिर कुछ और… क्या खतरे की आहट है?
अब आम सवाल यह है कि क्या कोई नया खतरा है? या कोई नई योजना बन रही है? क्योंकि यह कोई आम दौरा नहीं था। एनएसजी आमतौर पर तभी आती है जब कोई नाजुक सूचना मिलती है या कोई हाई प्रोफाइल कार्यक्रम चल रहा होता है
पैरोल की परछाई में छिपा राम रहीम का अगला कदम?
अब बात करेंगे डेरा से जुड़े नाम गुरमीत राम रहीम की। साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी पाए गए। रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं। इसी अप्रैल में 21 दिन की छुट्टी पर बाहर भी आए। अब तक तेरह बार पैरोल पर रिहा हो चुके हैं। हर बार जब वह बाहर आते हैं तो डेरा के बाहर और अंदर हलचल मच जाती है। चर्च जुटते हैं, सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाते हैं और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। क्या एनएसजी की समीक्षा आगामी पैरोल की तैयारी का हिस्सा है या फिर सरकार किसी अचानक होने वाली घटना के लिए तैयार हो रही है?
आम लोगों के मन में सवाल...
लोग सोच रहे हैं- क्या राम रहीम फिर से सामने आने वाले हैं? क्या डेरा में कुछ बनाया जा रहा है? या कोई बड़ा आयोजन होने वाला है? हालांकि सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एनएसजी का आना अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है।
सन्नाटे में एक सवाल
क्या डेरा महज एक धार्मिक स्थल है या फिर अब यह सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी का अड्डा बन गया है?" सवाल तो कई हैं, लेकिन फिलहाल जवाब कहीं दबे हुए हैं। अब आगे क्या होगा? यह देखने के लिए अब सबकी निगाहें सिरसा पर टिकी हैं।
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