निशा शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा में चरणबद्ध तरीके से घनी आबादी वाले क्षेत्रों तथा सार्वजनिक स्थानों जैसे कि विद्यालय, महाविद्यालय, पार्क, तालाब आदि के ऊपर से गुजरने वाली सभी एचटी व एलटी लाइनों को प्राथमिकता आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा और लाइनों को स्थानांतरित करने का खर्च बिजली वितरण निगमों द्वारा वहन किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के तीसरे दिन विधायक अभय सिंह यादव द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दी।
उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि ऐसी लाइनों या खम्बों को स्थानांतरित करने के लिए सरकार द्वारा एक नीति बनाई गई है। चूंकि राज्य में बिजली का बुनियादी ढांचा लम्बे समय से स्थापित है जबकि सडक़ों का निर्माण तथा इनका चौड़ीकरण बाद में किया गया था। इसलिए कुछ निवासियों ने पहले से बिछाई गई लाइनों के नीचे अपने घरों का निर्माण कर लिया, जिससे कुछ स्थानों पर बिजली की लाइनें रास्तों, घरों, तालाबों या फिरनियों के बीच में या ऊपर आ गईं।
रणजीत सिंह ने बताया कि कॉलोनाइजर, चाहे वे निजी हों या सरकारी, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत सरंचना विकास निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जाने वाली नई कॉलोनियों, सेक्टरों, औद्योगिक पार्कों आदि के लिए स्थनांतरण का कार्य कॉलोनाइजर या डेवलपर की लागत पर किया जाएगा।
विधायक सीता राम द्वारा पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रणजीत सिंह ने सदन को अवगत करवाया कि गांवों के लाल डोरा से एक किलोमीटर के भीतर आने वाली सभी ढाणियों को बिजली कनेक्शन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि डेरा या ढाणियों को कनेक्शन जारी करने के लिए जारी की गई नीति के अनुसार, जहां ऐसा करना सम्भव है, वहां अविद्युतीकृत डेरों या ढाणियों के लिए कनैक्शन पीएटी स्थापित करके एपी फीडरों पर जारी किये जाएंगे और जहां ऐसा सम्भव नहीं है, वहां कनेक्शन नजदीकी आरडीएस फीडरों से जारी किये जाएंगे। इन निर्देशों के अनुरूप लोड आवश्यकता के अनुसार 5/10/16 के.वी.ए. रेटिंग के सिंगल फेज डी.टी. प्रदान करने और निकटतम आर.डी.एस. या ए.पी. फीडर से सिंगल वायर एचटी का विस्तार करके बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। यदि नजदीकी फीडर एपी फीडर है तो पीएटी ट्रांसफार्मर प्रदान करके बिजली कनेक्शन जारी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि निगम के मौजूदा निर्देशानुसार एडीसी सामान्य दर से वसूल किया जाएगा और यदि एलटी लाइन वितरण ट्रांसफार्मर से परे 150 मीटर तक है तो कनैक्शन नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा। इसी तरह, यदि एलटी लाइन वितरण ट्रांसफार्मर या एलटी लाइन के सामान्य प्वाइंट से 150 मीटर से परे है तो 175 रुपये प्रति मीटर की दर से सेवा कनेक्शन शुल्क लिया जाएगा।
विद्युत मंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि वर्ष 2010 तक ग्रामीण घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सांझे फीडरों से बिजली की आपूर्ति दी जा रही थी। उसके बाद ग्रामीण घरेलू आपूर्ति के लिए 11केवी स्तर के नये फीडरों का निर्माण करके ग्रामीण घरेलू लोड और कृषि लोड को अलग-अलग कर दिया गया और अब मौजूदा फीडरों से कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जो डेरे और ढाणियां कृषि फीडरों पर पड़ती हैं, उन्हें कृषि पीआरएम के अनुसार बिजली दी जा रही है जबकि उनका अनुरोध है कि उन्हें ग्रामीण घरेलू पीआरएम के अनुसार आपूर्ति दी जाए।
सिंह ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए गुजरात में विशेष डिजाइन ट्रांसफार्मर यानि पॉयलट एडवांस ट्रांसफार्मर (पीएटी) स्थापित किये गए हैं। विभाग की एक टीम ने वहां का दौरा किया और पाया यह प्रणाली काफी सफल और किफायती है। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2013 में एपी फीडरों पर पीएटी स्थापित करके सभी विद्युतीकृत ढाणियों को बिजली आपूर्ति करने का निर्णय लिया।
विद्युत मंत्री ने बताया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 35 करोड़ रुपये की लागत से 1500 पीएटी खरीद लिए हैं। ये पीएटी सब-स्टेशन छोर पर स्थापित हैं, जहां से 11 केवी ग्रामीण कृषि फीडर निकलता है। इस ट्रांसफार्मर की सहायता से उस एपी फीडर, जिससे ढाणियां जुड़ी हुई हैं, पर सिंगल फेज बिजली आपूर्ति की जाती है। इसकी सहायता से ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के समान ढाणियों को सिंगल फेज बिजली आपूर्ति की जाती है।
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