चंडीगढ़।
मौत के बाद भी 55 वर्षीय रशपाल तीन जनों को जिदंगी दे गया। परिजनों से अंगदान के लिए सहमति मिलने के बाद डोनेट किए लीवर को दिल्ली
एम्स में एक जरूरतमंद मरीज तक पहुंचाना था। इसके लिए पीजीआइ, पुलिस विभाग
और एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने संयुक्त प्लानिंग की। तीनों ने मिलकर ग्रीन
कॉरिडोर बनाया।पीजीआइ से एयरपोर्ट तक
के 45 मिनट के रास्ते को केवल 28 मिनट में तय किया गया। पंजाब के नांगल के
रहने वाले रक्षपाल एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दो जुलाई को
उन्हें पीजीआइ में लाया गया। तीन जुलाई को उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया
गया। रक्षपाल की पत्नी सुलोचना और बेटे ललित ने कहा कि कई जिंदगियां बचाकर उनको वास्तव
में सुकून मिला है। पीजीआइ निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने कहा कि पीड़ित परिवार
के दुख की कल्पना नहीं की जा सकती, लेकिन इस घड़ी में भी अंगदान की सहमति
देकर तीन को जिंदगी देने से बड़ी कोई समाज सेवा नहीं है।रक्षपाल के अंगदान से लीवर के अलावा दो किडनियां भी मिली हैं। इनसे पीजीआइ में
इलाज करवा रहे दो जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिलेगी। दो मरीजों की
दुनिया भी रोशन होगी। रक्षपाल के कोर्निया भी दान किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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