चंडीगढ़। हरियाणा में राज्यसभा चुनाव एक बार फिर दिलचस्प हो गया है। राज्यसभा की दो सीटों के लिए नियमित और एक सीट पर उपचुनाव होगा। सियासी उलटफेर नहीं हुआ तो एनडीए गठबंधन को दो सीटें मिलना तय है। एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत होगी। हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। भाजपा के पास 40 और कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। 10 जजपा और सात में से छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन भाजपा के साथ है। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, इनेलो विधायक अभय चौटाला और विधायक गोपाल कांडा के वोट पर सबकी निगाह रहेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रामकुमार कश्यप के समय से पहले इस्तीफा देने और कुमारी शैलजा का कार्यकाल पूरा होने के कारण इन दोनों सीटों पर नियमित चुनाव हो रहा है। जिनकी अवधि 10 अप्रैल 2020 से नौ अप्रैल 2026 तक रहेगी, जबकि बीरेंद्र सिंह के त्यागपत्र के कारण खाली हुई सीट का कार्यकाल एक अगस्त 2022 तक है। इसलिए इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। इन दोनों चुनाव के लिए अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
ध्यान रहे कि हरियाणा विधानसभा की सदस्य संख्या 90 है। जीतने वाले उम्मीदवार को 46 वोट यानी 46 विधायकों का समर्थन चाहिए। चूंकि भाजपा के 40 विधायक हैं एवं उसे 10 जजपा और छह निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, इसलिए उपचुनाव वाली सीट के लिए उसे 15 और विधायक जुटाने पड़ेंगे, जो मुश्किल दिखाई देता है। इसलिए इस एक सीट के लिए केवल भाजपा-जजपा गठबंधन का उम्मीदवार ही नामांकन करेगा।
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