चण्डीगढ़। 1984 में सिक्खों के नरसंहार पर स्व. राजीव गांधी के मित्र सैम पित्रोदा के हाल ही में बयान से साफ जाहिर होता है कि उस समय बेकसूर हजारों सिक्खों की निर्ममता से हत्या करने के पीछे कांग्रेस पार्टी की सोची समझी साजिश थी। जब सिक्खों को चुन-चुन कर मारा जा रहा था, तब राजीव गांधी स्वयं बिना सुरक्षा के पूरी दिल्ली में घूम रहे थे। आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे थे इस पर भी सवालिया निशान है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने चण्डीगढ़ कार्यालय कमलम सैक्टर 33 में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन, भाजपा-आकली प्रत्याशी किरण खेर, प्रदेश प्रवक्ता धीरेन्द्र तायल व गुरप्रीति सिंह ढिल्लों व मीडिया विभाग के इंचार्ज रविन्द्र पठानिया उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इस नरसंहार में मुख्य व्यक्ति एच के एल भगत को तो राजीव गांधी की सरकार ने समय उपहार स्वरूप तीन-तीन मंत्रालय और जगदीश टाइटलर को 2 तो सज्जन कुमार को एक मंत्रालय इस जघन्य अपराध करने के लिए तोहफे में प्राप्त हुआ।
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