चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसानों की आय दोगुणी करने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण, बागवानी विभाग, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, बागवानी विभाग और मत्स्य विभाग संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। धनखड़ शुक्रवार को विधान सभा में प्रश्नकाल के दौरान इनेलो के विधायक केहर सिंह रावत द्वारा पूछे एक प्रश्न के उत्तर में सदन में बोल रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि किसानों को दो फसलों, चाहे वह गेहूं व धान हो या सरसों या बाजरा पर 5000 रुपये से 12000 रुपये प्रति एकड़ तक की आय सुनिश्चित हो रही है। उन्होंने बताया हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा 13 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाएं हैं, जिनमें गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1450 से बढ़ाकर 1840 रुपये प्रति क्विंटल, चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3175 से बढ़ाकर 4620 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 से बढ़ाकर 4200 रुपये प्रति क्विंटल, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 से बढ़ाकर 1770 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1310 से बढ़ाकर 1700 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1250 से बढ़ाकर 1950 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1530 से बढ़ाकर 2430 रुपये प्रति क्विंटल, गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 310 से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल, कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4050 से बढ़ाकर 5450 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगका न्यूनतम समर्थन मूल्य 4600 से बढ़ाकर 6975 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4000 से बढ़ाकर 4890 रुपये प्रति क्विंटल तथा सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3750 से बढ़ाकर 5388 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
धनखड़ ने सदन को अवगत करवाया कि वर्ष 2018-19 के दौरान 1.84 लाख मीट्रिक टन बाजरे की रिकार्ड खरीद की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 5.98 लाख किसानों को 1140.98 करोड़ रुपये का मुआवजा अदा किया गया। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ नई योजना लागू की गई है, जिसके तहत पांच एकड़ तक के किसानों को 6000 रुपये वार्षिक की सहायता दी जाएगी। प्रदेश के 54 मंडियों को ई-मंडी बनाया गया है। किसानों को 45.21 लाख मृदा कार्ड वितरित किये गए हैं। सब्जियों के भावांतर भरपाई योजना लागू की गई है। इसके अलावा, किसानों का रूझान बागवानी, पशुधन एवं डेरी और मत्स्य पालन की ओर हो इसके लिए नई-नई योजनाएं लागू की गई हैं।
इनेलो के विधायक राम चन्द्र कम्बोज द्वारा पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में धनखड़ ने सदन को अवगत करवाया कि वर्ष 2017-18 के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतगर्त किसानों से 208.98 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में एकत्रित किये गए, जबकि किसानों को 849.73 करोड़ रुपये की राशि मुआवजे के रूप में वितरित की गई। धनखड़ ने वर्ष 2017 में सिरसा जिले के कुछ गांव में अज्ञात बीमारी से पशुओं की हुई मौत से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की राशि उपायुक्त कार्यालय भेज दी गई है।
CJI को वकीलों की चिट्ठी पर मोदी ने कहा, डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope