चंडीगढ़। मध्य प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि शहरी स्थानीय निकायों में जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है और इसे जन आंदोलन का रूप देना होगा। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की तीन परतें है। लोकसभा, विधानसभा और शहरी स्थानीय निकाय और इन तीनों में शहरी निकाय सबसे जमीनी और प्रभावशाली स्तर है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विजयवर्गीय शुक्रवार को गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वे स्वयं सबसे पहले पार्षद रहे, फिर मेयर बने और बाद में विधानसभा व लोकसभा दोनों में प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कि शहरी स्थानीय निकाय वह कड़ी है जहां जनता से सीधा संपर्क होता है और काम करना सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यधिक संतोषजनक होता है।
देशभर से आए जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जब इंदौर नगर निगम में फंड की कमी थी, तो उन्होंने आमजन से सीमेंट देने का आह्वान किया। इस पहल पर उन्हें 80 करोड़ रुपये की सीमेंट मिली और उसी की बदौलत लगभग 300 करोड़ रुपये की सड़कों का निर्माण कार्य करवाया गया।
उन्होंने बताया कि इंदौर में एक ही दिन में 12 लाख 40 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। खास बात यह है कि एक साल बाद भी सभी पौधे जीवित हैं, जो जनसहभागिता की सफलता का प्रमाण है।
विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद शहरी स्थानीय निकायों के बजट में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और शहरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।
2047 का विकसित भारत: जन भागीदारी के साथ जन आंदोलन से शहरी निकायों को बदलने का लिया संकल्प
गुरुग्राम जिला के मानेसर में चल रही शहरी स्थानीय निकायों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन देश भर के विकास में अग्रणी शहरी स्थानीय निकायों द्वारा प्रस्तुत किए गए विकास के मॉडल पर चर्चा की गई। पांच सत्रों में आयोजित इस चर्चा में 2047 में विकसित भारत के योगदान में शहरी निकायों की भूमिका बढ़ाने और उनके योगदान को लेकर संकल्प लिया गया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, सेक्रेटरी जनरल राज्यसभा पी.सी. मोदी सहित अन्य गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति में सत्र संपन्न हुआ।
सत्र में लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभ के रूप में शहरी संस्थाओं के योगदान पर विस्तार से अनुभव सांझा किए गए। नागपुर नगर निगम प्रतिनिधियों ने कहा कि समावेशी वृद्धि और विकास के इंजन के रूप में शहरी स्थानीय निकायों के संवैधानिक अधिकारों पर केंद्रित होकर निकाय कार्य कर रहे हैं। चर्चा के दौरान सामने आया कि शहरी स्थानीय निकायों का उद्देश्य शहरी सेवा वितरण की संरचना में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। 74वें संविधान संशोधन पर विचार रखते हुए इस विषय पर प्रकाश डाला गया कि यह शहरी सेवाओं के कुशल वितरण के लिए संस्थागत ढांचा निर्धारित करता है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि नगर पालिकाएं कमजोर वर्गों और महिलाओं की समस्याओं के प्रति पर्याप्त संवेदनशील हों। नगर पालिका-परिषदों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की नगर निकाय की प्रतिनिधि ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय भारत के शहरी विकास की आधारशिला है। उन्होंने अपने शहर में विकास का मॉडल प्रस्तुत करते हुए कहा कि सुधारों व नवाचार, नागरिक सहभागिता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से वित्तीय संस्थागत और क्षमता संबंधी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और सहयोगात्मक शासन के साथ शहरी स्थानीय निकाय अपने संवैधानिक जनादेश को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि शहर सभी नागरिकों के लिए समान लचीले व जीवंत स्वरूप विकास का मॉडल बनकर सामने आए।
सेमिनार में शहरी स्थानीय निकायों में विकास का इंजन बनने में महिलाओं की सशक्त भूमिका पर भी चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। इसके बावजूद वहां 60 से 65 प्रतिशत तक महिलाएं शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधित्व कर रही हैं जबकि हरियाणा में भी महिलाएं शहरी स्थानीय निकायों से जुड़कर विकास के मॉडल प्रस्तुत कर रही हैं। इसके साथ ही शहरी स्थानीय निकाय आम लोगों की भागीदारी के साथ विकास कार्यों को जोड़कर जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ सकते हैं इस विषय पर भी गंभीरता से चर्चा की गई।
पीएम मोदी ने की टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन से मुलाकात, कहा- कच्छ की खूबसूरती दिखाने के उनके प्रयास सराहनीय
पाकिस्तान में मानसून का कहर, 200 से अधिक लोगों की मौत
नई दिल्ली: मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक आज, विपक्ष से मांगा सहयोग
Daily Horoscope