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चंडीगढ़। हरियाणा में शराबबंदी के दौरान जब्त की गई बोतलों की निगरानी के लिए 23 साल तक पुलिस कर्मचारी तैनात रहे। जब्त की गई शराब की इन 71 हजार बोतलों को अब नष्ट करवाया गया है। इस दौरान जब्त की गई शराब से भरे गोदाम में जहरीली गैस पैदा होने से इसे नष्ट करते समय दो पुलिस कर्मचारी भी बेहोश हो गए। यह शराब बंसीलाल सरकार के दौरान जब्त की गई थी।
जब्त शराब को वर्ष 1998 में ही नष्ट किया जाना था, लेकिन लापरवाही के चलते ऐसा नहीं किया गया। यह शराब 1996 से 1998 के बीच जब्त की गई थी। जब्त शराब को रोहतक जिले में एक सिनेमा हाल के पास बने रेडक्रॉस के भवन में बनाए माल खाने में रखा गया था। इस दौरान रेडक्रॉस भवन का किराया 25 लाख रुपए हो गया, जिसका भुगतान अभी बाकी है। पुलिस ने पकड़ी गई शराब पर करीब आठ करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया था। अदालत की तरफ से तब एक बोतल शराब पर एक हजार रुपया जुर्माना लगाया जाता था। शराब जब्त करने और नष्ट करने के दरम्यान रोहतक जिले में 18 आईपीएस अधिकारी तैनात रहे।
रोहतक के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा का कहना है, 'रेडक्रास भवन का जो भी किराया होगा, उसका बिल पुलिस मुख्यालय भेज दिया जाएगा। अनुमति मिलने पर किराए का भुगतान कर दिया जाएगा।'
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